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पलामू : छतरपुर की भोली भाली जनता को ठगा और धोखा दिया जा रहा है : इंजीनियर सुरेश कुमार

याद कीजिये जब नगर निकाय का चुनाव पिछले साल (2022) नवंबर / दिसंबर में लगभग तय था। चेयरमैन उम्मीदवारों...
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पलामू : छतरपुर की भोली भाली जनता को ठगा और धोखा दिया जा रहा है : इंजीनियर सुरेश कुमार
पलामू : छतरपुर की भोली भाली जनता को ठगा और धोखा दिया जा रहा है : इंजीनियर सुरेश कुमार

छतरपुर ( पलामू):- याद कीजिये जब नगर निकाय का चुनाव पिछले साल (2022) नवंबर / दिसंबर में लगभग तय था। चेयरमैन उम्मीदवारों की जैसे बाढ़ आ गयी हो। बहुत सारे कार्यक्रमों में भावी उम्मीदवारों से स्टेज भर जाता था। फीता काटने या दीप प्रज्वलित करने के लिए होड़ मच जाती थी। स्टेज पर कुछ प्रत्यासी फोटो खिंचवाने के लिए गर्दन आगे कर तैयार रहते थे। क्या लच्छेदार भाषण दिए जाते थे? नगर की दुर्दशा और बजबजाते नालियों के ऊपर ऐसे चिंता करने का नाटक किया जाता था जैसे कि छतरपुर नगर पंचायत का सबसे बड़ा हितैसी और शुभचिंतक वही हो। किसी की मृत्यु होने पर पीताम्बरी लेकर पहुचने वाले उम्मीदवारों की होड़ मच जाती थी। आज वे लोग कहाँ है ?छतरपुर के गलियारों में केवल एक ही चेहरा नज़र आ रहा है। छतरपुर की जनता के साथ केवल एक उम्मीदवार खड़ा नज़र आता है। जो व्यक्ति छतरपुर की जनता की सेवा करने का प्रण लिया और अपना जीवन समर्पित कर दिया है । वह व्यक्ति बड़े बड़े वादा तो नही करता लेकिन जनता की उम्मीदों पर खरा उतरता है। उस व्यक्ति का नाम है सुरेश कुमार (इंजीनियर) बरसाती मेढक की तरह उपलाये हुए नेता आज कहाँ है ? कोई बिज़नेस में बिजी है तो कोई नौकरी में बिजी है। आज किसी को छतरपुर की जनता की चिंता नही है। जब फिर से इलेक्शन की सुगबुगाहट होगी तो टरटराना शुरू करेंगे और जनता के सामने अपने आप को ऐसे पेस करेंगे जैसे उनका सबसे बड़ा हितैसी वही है। वो जनता को गुमराह करने और ठगने का प्रयास करेंगे। जनता के सामने एक से बढ़ कर एक दलील दिया जाएगा। ये बहुत बड़ा षडयंत्र है। जनता को सही और गलत व्यक्ति की पहचान होनी बहुत जरूरी है नही तो हर बार की तरह इस बार भी छतरपुर की जनता को लूटने से कोई नही बचा पायेगा।जरा सोचिए, जो उम्मीदवार अपने परिवार का पालन पोषण के लिए बिज़नेस या नौकरी कर रहा हो, दर दर भटक रहा हो, वो व्यक्ति अगर छतरपुर का अध्यक्ष बन जाता है तो उसका घर खर्च कैसे चलेगा? बिना लूट पाट मचाये उसका काम चल सकता है क्या? क्या गोश्त की रखवाली भूखा भेड़िया कर सकता है ? जरा सोचिए। ये सवाल आज छतरपुर की जनता के सामने है और यहाँ के हरेक जिम्मेदार नागरिक को इस पर चिंतन करने की जरूरत है ताकि छतरपुर को लूटने से बचाया जा सके।


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