मांडर पुलिस ने जब जीतू के परिजनों को इसकी जानकारी दी तो परिवार वाले के होश उड़ गये. वे उम्मीद खो चुके थे कि जीतू जिंदा है. हालांकि, जीतू के जिंदा होने की खबर से उसके परिवार वाले खुशी से झूम उठे. मांडर के सरगांव का जीतू किस्पोट्टा 25 साल पहले अचानक लापता हो गया था. जब काफी देर तक वह नहीं मिला और उसके परिवार वाले उसे ढूंढने में असफल रहे तो उन्होंने हार मान ली और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पिछले बुधवार को मेरठ के जेलर ने मांडर थाना प्रभारी से बात की और उन्हें बताया कि जीतू ओरांव किसी अपराध के सिलसिले में जेल में है और उसने अपने परिवार से मिलने की इच्छा जताई है.
इसके बाद जब मांडर पुलिस उसके गांव पहुंची तो पता चला कि वह पच्चीस साल से लापता है. जैसे ही थाना प्रभारी ने उसकी तस्वीर उसके परिजनों को दिखाई तो उन्होंने उसे तुरंत पहचान लिया. उनकी तस्वीर देखकर परिवार की आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े. जीतू के परिवार में उसके पिता एतवा उराँव, भाई बिगला उराँव, भतीजा दशरथ उराँव और अन्य लोग हैं। ये सभी उनसे मिलने के लिए मेरठ जाने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में मेरठ से आए एक फोन कॉल ने मांडर के सरगांव निवासी जीतू के परिवार में 25 साल बाद जीतू से मिलने की उम्मीद जगा दी है.