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तिसरी : जल मीनार का कार्य कर रहे जेसीबी से ग्रामीणों ने काम कराया बंद

तिसरी प्रखंड अंतर्गत गुमगी पंचायत गांव गिरिडीह के मुख्य सड़क स्थित चांदली गांव...
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तिसरी : जेसीबी मसीन से जल मीनार का कार्य कर रहे ग्रामीणों ने कराया बंद मनोज लाल बर्नवाल - गिरिडीह तिसरी से रिपोट
तिसरी (गिरिडीह) : सोमवार को तिसरी प्रखंड अंतर्गत गुमगी पंचायत गांव गिरिडीह के मुख्य सड़क स्थित चांदली गांव में पीएचडी विभाग गिरिडीह द्वारा 9 करोड़ रुपये की लागत से तीन लाख लीटर क्षमता वाले जलमीनार के निर्माण के लिए विभाग द्वारा जेसीबी मशीन से खुदाई की जा रही थी. जिसके कारण गुमगी पंचायत के चांदली गांव के चंद्रवंशी समाज के महिला-पुरुषों ने स्थल पर काम बंद करा दिया और दर्जनों महिला-पुरुष अंचल कार्यालय, तिसरी पहुंचे और अंचलाधिकारी को आवेदन देकर उनके भूमि पर जलमीनार नहीं बनाने का अनुरोध किया.

अंचलाधिकारी को दिए गए आवेदन में नरेश राम पिता स्व मंगर राम ने कहा है कि उनके पूर्वज लालू राम को 1965 ई. में बिहार भूदान यज्ञ समिति से गुमगी मौजा की खाता नंबर 17 प्लॉट नंबर 142 रकवा 3 एकड़ 68 डिसमिल जमीन मिली थी. जिसका लगान रसीद वर्ष 2023तक निर्गत है . इसके बावजूद पीएचडी विभाग द्वारा जबरन 88.92 डिसमिल जगह पर पानी टंकी का निर्माण कार्य जेसीबी मशीन से कराया जा रहा था. भूदान यज्ञ समिति को प्राप्त बंदोबस्ती प्रपत्र के अनुसार इस जमीन पर 20 हिस्सेदार हैं. इसके अलावा उनके पास जीविकोपार्जन के लिए कोई अन्य जमीन नहीं है। मामले की जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गयी है.

तिसरी दक्षिणी भाग के जिला परिषद रामकुमार रावत ने कहा कि चांदली में जल जीवन मिशन के तहत जलमीनार के निर्माण से गुमगी पंचायत के पांच और सिंघो पंचायत के दो कुल सात गांव को पानी का लाभ मिलेगा. जलमीनार का निर्माण कराया जाये. लेकिन विरोध करने वाले चंद्रवंशी समाज के दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए. जांच में कागजात सही पाये जाने पर जमीन मालिकों को मुआवजा भी मिलना चाहिए, ताकि गरीबों का शोषण न हो.

इस संबंध में पीएचडी जेई मणिकांत कुमार ने बताया कि गुमगी पंचायत के सभी गांवों में पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 9 करोड़ रुपये की लागत से 3.25 लाख लीटर का बड़ा जलमीनार का निर्माण कराया जाना है, जिसके लिए चिन्हित स्थल गुमगी के चांदली गांव के लिए उपयुक्त है . अंचलाधिकारी तिसरी एवं वन विभाग तिसरी से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद जलमीनार निर्माण के लिए जेसीबी से ट्रेंचिंग किया जा रहा था, जिसे ग्रामीणों ने रोक दिया. जिसकी लिखित शिकायत डीसी गिरिडीह से की जायेगी.


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