
रंजीत ने गुमटी पर कांस्टेबल का नाम लिखा और उसे अपनी मौत का ज़िम्मेदार ठहराया। मौके पर पहुँची पुलिस ने जब रंजीत के शव की जाँच की, तो उन्हें एक प्रार्थना पत्र भी मिला। इसमें पत्नी और कांस्टेबल के बीच अवैध संबंधों का ज़िक्र है। पुलिस ने गुमटी पर लिखी पंक्तियों को मिटवा दिया।
इधर, घटना के बाद एसपी नीरज कुमार जादौन ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और मृतक के परिजनों से पूछताछ की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। टड़ियावां के हरिहरपुर गाँव के रंजीत यादव किसान थे। उनके पिता सुरेश सिंह गाँव में पुलिस चौकी के बाहर बैठकर फरियादियों के प्रार्थना पत्र लिखते थे।
रंजीत कभी-कभी प्रार्थना पत्र भी लिखते थे। शनिवार रात रंजीत ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार सुबह चौकी से लगभग 100 मीटर की दूरी पर एक गूलर के पेड़ पर रंजीत का शव फंदे से लटका मिला। रंजीत ने फांसी लगाने से पहले गुमटी पर अपनी मौत का कारण लिखा। बूथ पर उसने लिखा कि मेरी मौत का ज़िम्मेदार सिपाही शेष कुमार है। उसने एक कागज़ पर एक प्रार्थना पत्र भी लिखा।
यह प्रार्थना पत्र रंजीत के नाम था। प्रार्थना पत्र में लिखा था कि...पुलिस चौकी से 100 मीटर की दूरी पर उसकी भैंस चोरी हो गई थी। चौकी पर तैनात सिपाही शेष कुमार ने उसकी पत्नी को भैंस दिलाने का झांसा देकर उसके साथ अवैध संबंध बनाए। फांसी लगाने से एक दिन पहले 26 जुलाई को उसने अपनी पत्नी को शेष कुमार के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। जब उसने पुलिस चौकी जाकर सिपाही की करतूत बताई, तो सिपाही ने उसे धक्का देकर भगा दिया। पुलिस ने गुमटी पर लिखी हुई प्रार्थना को मिटाकर उसे अपने कब्जे में ले लिया है।
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