चौपारण (हजारीबाग)। आदिम जनजाति की बिरहोर महिला पार्वती देवी की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को हजारीबाग के सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार अचानक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौपारण पहुंचे और वहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. फरहाना महफूज सहित अन्य चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ आपात बैठक की। सिविल सर्जन ने दो दिन पूर्व हुई पार्वती देवी की मौत के संबंध में चिकित्सकों से विस्तृत पूछताछ की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आरोप बेहद गंभीर है कि समय पर उचित इलाज न मिलने के कारण बिरहोर महिला की मौत हुई। इस मामले में पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जाएगी।
डॉ. अशोक कुमार ने कहा यदि जांच में यह साबित होता है कि लापरवाही के कारण बिरहोर महिला की मौत हुई है, तो संबंधित कर्मियों पर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी सिविल सर्जन के साथ बरही एसडीओ जोहन टुडू और चौपारण बीडीओ नितेश भास्कर भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मौके पर सिविल सर्जन से पूरे मामले की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। उपायुक्त हजारीबाग द्वारा इस प्रकरण पर तत्काल जांच का आदेश दिया गया था, जिसके बाद यह निरीक्षण किया गया। सूत्रों के अनुसार, जब सिविल सर्जन अस्पताल पहुंचे, उस समय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. फरहाना महफूज अस्पताल में मौजूद नहीं थीं। जांच की सूचना मिलने के बाद वे दोपहर करीब 12 बजे आनन-फानन में अस्पताल पहुंचीं। इस पर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए कि जब प्रभारी ही समय पर ड्यूटी पर नहीं आतीं, तो बाकी कर्मियों से क्या उम्मीद की जा सकती है। सरकार की ओर से आदिम जनजाति बिरहोर परिवारों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए विभिन्न योजना चलाई जा रही है, लेकिन इस तरह की घटनाएं सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत पर सवाल खड़े करती हैं। सिविल सर्जन ने भरोसा दिलाया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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