- पुत्र के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर वृद्ध पिता
- आर्थिक तंगी से परेशान, सरकारी योजना से वंचित
- वृद्ध पिता ने प्रखंड कार्यालय टाटीझरिया में आमरण अनशन करने का लिया फैसला
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टाटीझरिया
संसू, टाटीझरिया: (हजारीबाग) बगोदर के अटका निवासी वृद्ध पिता हरिनाथ तिवारी अपने मृत पुत्र संजीत कुमार तिवारी (24 वर्ष) के प्रमाण पत्र के लिए पिछले चार माह से दर-दर की ठोकरें खा रहा है। हरिनाथ तिवारी आए दिन प्रखंड कार्यालय टाटीझरिया का चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी मृत्यु प्रमाण पत्र देने में नए-नए मामले सामने ला रहे हैं। हरिनाथ तिवारी ने बताया कि बेटे की मृत्यु प्रमाण पत्र मिल जाता तो एलआईसी का रुका पैसा मिल जाता। बहू खुशबू कुमारी (22 वर्ष) और डेढ़ वर्षीय बेटा सत्यम कुमार को जीने का आधार मिल जाता। उन्होंने बताया कि इस चक्कर में वह अपनी पत्नी सुभद्रा कुमारी को भी खो दिया है। अब वह 20 जनवरी से टाटीझरिया प्रखंड कार्यालय के सामने इसके लिए आमरण अनशन करने की योजना बनाई है।
क्या है मामला: टाटीझरिया थाना क्षेत्र के डुमर पंचायत अंतर्गत बेड़म जंगल से 28 अप्रैल 2022 को बरामद नर-कंकाल की पहचान अटका निवासी संजीत कुमार तिवारी के रूप में हुई थी। इसके पिता हरिनाथ तिवारी ने नर-कंकाल के हाथ में पड़े कड़ा और कुछ कपड़ों के आधार पर उसकी पहचान अपने बेटे संजीत के रूप में किया था। तिवारी की हत्या कर शव को उक्त स्थल पर गाड़ने वाला आरोपी ने भी स्वीकार किया था कि यह कंकाल संजीत का ही है। इसके बाद थाना द्वारा उक्त कंकाल को अग्नि-संस्कार के लिए हरिनाथ तिवारी को सौंपा दिया था। अब टाटीझरिया प्रखंड से हजारीबाग सांख्यिकी विभाग और फिर रांची के विशेष कार्य पदाधिकारी अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय झारखंड रांची को पत्र भेजकर इसके मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दिशानिर्देश मांगा गया है।
क्या कहते हैं पंचायत सेवक- पंचायत सेवक अर्जुन प्रसाद ने कहा कि दर्ज प्राथमिकी में एक ओर संजीत का कंकाल उसके पिता के निशानदेही पर बताया गया है। वहीं दूसरी ओर यह भी लिख दिया गया कि अज्ञात शव बरामद किया गया है। इससे दुविधा उत्पन्न हो गई है और यही कारण है कि प्रमाण पत्र में दिशानिर्देश मांगा गया है।