करोड़पति बनने के लालच में बैरल माफिया मजदूर की जिंदगी और मौत से कर रहे है खिलवाड़, देखे वीडियो...
वन विभाग ने दस दिन पहले डोजरिंग की थी
गिरिडीह तिसरी से रिपोट मनोज लाल बर्नवाल
Giridih : गिरिडीह जिले के तिसरी व गांवा प्रखंड के अंतर्गत प्राकृतिक खनिजों का
विशाल भंडार है। इन खनिजों में से एक बैरल पत्थर है जो बहुत मूल्यवान है। बैरल पत्थर कई रंगों के होते हैं। दक्षिण अफ्रीका सहित कुछ देशों में विभिन्न रंगों के बैरल पत्थर पाए जाते हैं। इनमें से एक नीले रंग का बैरल स्टोन पूरी दुनिया में सिर्फ भारत में ही पाया जाता है। इन बैरल पत्थरों का अवैध खनन गिरिडीह जिले के तिसरी में भी किया जा रहा है.
➨100-150 फुट गहरी सुरंगों में बिना सुरक्षा के भेजा जाता है.
आपको बता दें कि इन दिनों वन विभाग की रोक के बावजूद तीसरी प्रखंड के असुरहड्डी के जंगलों में कुछ बैरल माफिया द्वारा धड़ल्ले से बहुमूल्य बैरल पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है. रोजाना दर्जनों स्थानीय मजदूरों को चंद पैसों का लालच देकर 100-150 फुट गहरी, पतली और कच्ची सुरंगों में बिना सुरक्षा के भेजा जाता है. हर दिन रात के अंधेरे में मजदूर अपने घरों से टार्च, कुदाल आदि लेकर जंगल की ओर निकल जाते हैं। रात के समय बिना सुरक्षा उपकरणों के गहरी सुरंगों में उतरकर जान जोखिम में डालकर पत्थरों का अवैध उत्खनन करते हैं। सुबह सूरज निकलते ही सभी मजदूर लीपापोती चढ़ाकर अपने घर वापस चले जाते हैं, ताकि किसी को पता न चल सके कि रात में अवैध रूप से पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा है.
➨कार्यवाही होने की बावजूद भी माफियाओं पर जूं तक नहीं रेंगती
आपको बता दें कि वन विभाग को असुरहड्डी के जंगलों में बैरल पत्थरों के अवैध खनन की खबर मिलती रहती है. वन विभाग की ओर से डोजरिंग भी किया जाता है, सभी सुरंगों को भी तोड़ा जाता है, बावजूद इसके बैरल माफियाओं पर जूं तक नहीं रेंगती. वन विभाग की कार्रवाई के कुछ दिनों बाद ये माफिया फिर से सक्रिय हो जाते हैं। ज्ञात हो कि इससे पहले कोडरमा के कुछ माफियाओं द्वारा बैरल पत्थर का अवैध उत्खनन किया जा रहा था. प्राथमिकी दर्ज होने और वन विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई किये जाने के बाद उनके समूह ने अवैध खनन बंद कर दिया. कुछ माह बाद करीब 4 से 5 की संख्या में स्थानीय माफिया ने फिर से खुदाई शुरू कर दी। मिली जानकारी के अनुसार एक माफिया कोडरमा जिले के सतगावां का रहने वाला है, बाकी सभी तिसरी के स्थानीय निवासी हैं. जबकि कोडरमा से भी दर्जनों खरीदार यहां बैरल खरीदने आते रहते हैं.
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