
जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले अपने घोड़ाबांदा स्थित आवास के बाथरूम में फिसलकर गिरने से उन्हें सिर में गंभीर चोट आई थी। गिरने की वजह से सिर में गहरी चोट लगने के साथ ब्रेन हेमरेज की स्थिति बन गई, जिससे उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जम गया था। तब से वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम के सहारे थे।
आपको बत्ता दे की बीते 2 अगस्त को उन्हें जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली स्थानांतरित किया गया था। जहाँ इलाज के दौरान शुक्रवार को उनका निधन हो गया।
उनके निधन से झारखंड की राजनीति को गहरा झटका लगा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्य के अन्य मंत्रीगण व नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि "यह राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है।"
शोक संदेशों का दौर जारी है, और पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है।
स्वतंत्रता दिवस की रात झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन, राज्य में शोक की लहर
स्वतंत्रता दिवस की रात झारखंड को गहरा आघात पहुंचा। राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन हो गया। इस दुःखद समाचार की जानकारी उनके पुत्र ने उनके आधिकारिक ट्विटर (X) अकाउंट के माध्यम से भावुक पोस्ट कर साझा की।
पोस्ट में उन्होंने लिखा कि “अत्यंत ही दुख के साथ यह बता रहा हूँ की मेरे पिताजी रामदास सोरेन जी अब हमारे बीच नही रहे”, जिसके बाद पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई।
रामदास सोरेन शिक्षा जगत में कई महत्वपूर्ण सुधारों और पहलों के लिए जाने जाते थे। उनके नेतृत्व में राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर उनका यूं चले जाना झारखंड के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में एक बड़ी क्षति है।
झारखंड सरकार के मंत्रियों, नेताओं, समर्थकों और आम जनता ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी।
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