
देवघर: श्रावणी मेले में बाबा वैद्यनाथ पर जलाभिषेक करने देवघर आने वाले श्रद्धालु अगर प्रसाद का पेड़ा नहीं खरीदते हैं तो यात्रा अधूरी लगती है. यही कारण है कि बाबा को जल चढ़ाने के बाद भक्त सबसे पहले पेड़ा खरीदने निकलते हैं. प्रसाद के नाम पर पेड़ा यहां की खास पहचान है. यहां कई तरह के पेड़ा बनाए जाते हैं। यहां का पेड़ा अपनी खुशबू और स्वाद के कारण खास पहचान रखता है। केसर युक्त केसरिया पेड़ा का यहां विशेष स्वाद है।
➨घोड़मारा पेड़ा का हब बन गया
➨पेड़ा अर्थव्यवस्था में मिठास घोलता है
देवघर में पेड़ा सिर्फ प्रसाद नहीं है, बल्कि यहां की अर्थव्यवस्था भी पेड़ा के इर्द-गिर्द घूमती है. यहां के पेड़ा व्यवसाय के कारण क्षेत्र में डेयरी व्यवसाय भी तेजी से फलफूल रहा है। इस जिले में बड़े-बड़े खटालों (दूध उत्पादकों) के अलावा एक हजार से ज्यादा ऐसे घर मिल जायेंगे जहां दस से ज्यादा गायें पाली जा रही हैं. इनसे उत्पादित दूध देवघर और घोरमारा के पेड़ा दुकानों में सप्लाई किया जाता है. दूसरी ओर, सौ से अधिक पेड़ा निर्माता ऐसे हैं जिनके पास खोआ भूनने के लिए इलेक्ट्रिक मशीनें हैं। मशीन से बनने वाली पेड़ा मेकर में प्रतिदिन 100 से अधिक मजदूर काम करते रहते हैं.