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फुलिन संस्था के द्वारा बाल विवाह के विरोध जन जागरूकता कार्यशाला आयोजन

मधुपुर प्रखंड अन्तर्गत पूर्व रेलवे भारत स्काउट एंड गाइड कैंपस स्टेट ट्रेंनिंग पार्क...
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फुलिन संस्था के द्वारा बाल विवाह के विरोध जन जागरूकता कार्यशाला आयोजन.

देवघर : फुलिन संस्था के द्वारा बाल विवाह के विरोध जन जागरूकता कार्यशाला आयोजन.

देवघर: मधुपुर प्रखंड अन्तर्गत पूर्व रेलवे भारत स्काउट एंड गाइड कैंपस स्टेट ट्रेंनिंग पार्क मधुपुर में शुक्रवार को बाल विवाह के विरुद्ध जन-जागरूकता हेतु आशा,रांची के सहयोग से स्वयंसेवी संस्था फूलीन द्वारा गर्ल्स नॉट ब्राइड् के बैनर तले एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मधुपुर नगर परिषद स्टीयरिंग कमेटी अध्यक्ष सह वार्ड पार्षद गुड्डू दुबे, वार्ड पार्षद शबाना परवीन, समाजसेवी श्याम द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम मैं उपस्थित प्रतिभागियों वह अतिथियों को संबोधित करते हुए फुलीन संस्था के प्रतिनिधि सिकंदर आलम द्वारा विषय प्रवेश कर गर्ल्स नॉट ब्राइड द्वारा चलाए जा रहे बाल विवाह प्रतिषेध कार्यशाला पर विस्तार से चर्चा किया गया। श्री आलम ने बताया कि बाल विवाह से लड़कियों को जीवन में रक्त अल्पता सहित कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है। बाल विवाह लड़कियों को असमय घरेलू जिम्मेदारियों के बोझ से दाब देता है और लड़कों को डिप्रेशन का शिकार बना देता है। जो समाज के लिए अत्यंत घातक है।अत: इसका रोकथाम आवश्यक है। कार्यक्रम के अतिथि गुड्डू दुबे ने कहा कि बाल विवाह लड़के लड़कियों के विकास में बाधक है। अतः इस पर रोक लगाया जाना अति आवश्यक है। कार्यक्रम की अतिथि शबाना परवीन ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि बाल विवाह शिक्षा और स्वास्थ्य के विकास में सबसे बड़ा बाधक है। अतः हमें आगे बढ़कर जागरूकता फैलाना है और इस पर रोक लगानी है।

मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए संदर्भ व्यक्ति अबूतालिब अंसारी ने बाल विवाह के विभिन्न कानूनी पहलुओं की सविस्तार चर्चा करते हुए प्रतिभागियों को बताया कि बाल-विवाह किशोर-किशोरियों के सर्वांगीण विकास में बाधक है। इस सामाजिक कुरीति की रोकथाम अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह किशोर-किशोरियों के बचपन को खा जाता है। जिसके कारण लड़कियां एनीमिया का शिकार और लड़के असमय ही पारिवारिक जिम्मेदारी के बोझ तले दब जाते हैं। जिससे उनका अपेक्षित विकास नहीं हो पाता है।उन्होंने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप के साथ-साथ कानूनन जुर्म भी है। उन्होंने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 पर विस्तार पूर्वक प्रस्तुति करते हुए बताया कि बाल विवाह में शामिल होने वाले सभी लोग अपराधी की श्रेणी में आते हैं ।जिनको 2 साल की जेल एवं ₹100000 जुर्माना अथवा दोनों एक साथ लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह हमारे समाज की बुनियाद को कमजोर कर देता है।इसलिए इसे रोकना हम सब का सामाजिक दायित्व है। कार्यशाला की द्वितीय पाली खत्म होने के बाद इसका समापन शाम 5:00 बजे कर दिया गया। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका,सहिया और जल-सहिया आदि पंचायत हुआ शहरी क्षेत्र के दर्जनों स्टेक होल्डर्स उपस्थित थे।कार्यक्रम को सफल बनाने में शमशेर अली, आयान, गजाला परवीन आदि की भूमिका सराहनीय रही।


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