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हजारीबाग (चौपारण) : 08 अक्टूबर को हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड मैदान परिसर में 50 हज़ार झारखंडियों का महाजुटान होगा। बदलाव संकल्प सभा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें झारखंडी हक अधिकारों पर वक्ता अपनी राय रखेंगे।
इस महासभा को हजारीबाग, बरही, पदमा, चंदवारा, एवं चौपारण के छात्र नौजवान मिलकर अंजाम दे रहे हैं। इस सभा में मुख्य तौर पर झारखंड के स्थानीय हक अधिकारों पर वक्ता अपनी राय रखेंगे।
इस महासभा में कोडरमा, गिरिडीह, चतरा, रामगढ़, हजारीबाग जिले के 50 हज़ार से अधिक लोग शामिल होंगे। साथ ही विशेषकर हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के बरही विधानसभा, हजारीबाग सदर विधानसभा, बड़कागांव विधानसभा, मांडु विधानसभा, रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र एवं हज़ारीबाग जिले के बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र के छात्र - नौजवान, बड़े - बुजुर्ग शामिल होंगे।
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बदलाव संकल्प महासभा के मुख्य मुद्दे
इस सभा का मुख्य मुद्दा स्थानीय एवं नियोजन नीति होगा। साथ ही झारखंड समेत हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं पर झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो एवं संजय मेहता अपनी राय रखेंगे।निजी क्षेत्र के उद्योगों में स्थानीय को 75 प्रतिशत नौकरी, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण, बरही में जियाडा भूमि पर स्थापित उद्योगों से हो रहे प्रदूषण, एनएच 2 चौड़ीकरण में कई प्रभावित रैयतों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाना एवं कार्यों में देरी, हजारीबाग से लंबी दूरी की ट्रेनों की माँग, बड़कागांव के गोंदलपुरा आंदोलन को समर्थन, पकरी - बरवाडीह परियोजना में अब तक कई रैयतों को मुआवजा नहीं मिल पाना, रामगढ़ के बूढाखाप में चल रहे आंदोलन, चरही भारत माला परियोजना में रैयतों को कम मुआवजा दिया जाना, कटकमसांडी रेलवे साइडिंग में स्थानीय लोगों को घक नहीं मिलना, चरही के चितपूर्णी माइंस एवं रेलवे साइडिंग में स्थानीय लोगों को घक नहीं मिलना।
जमीनों की लूट, छात्रों को अब तक छात्रवृति नहीं मिल पाना आदि माँगों एवं समस्याओं को लेकर वक्ता अपने - अपने विचार रखेंगे।
क्या कहते हैं संजय मेहता
संजय मेहता ने कहा कि झारखंड राज्य बने 23 साल हो गए लेकिन आज भी झारखंड नीतिगत मसलों के दोराहे पर खड़ा है। यहाँ पर स्थानीयता की कोई पहचान नहीं है। स्थानीय नीति स्पष्ट नहीं होने के कारण नियोजन नीति का मामला भी अधर में लटका पड़ा है जिससे छात्र नौजवानों में काफी निराशा है।साथ ही निजी क्षेत्र के उद्योगों में स्थानीय को 75 प्रतिशत नौकरी की बात कही गयी है। इसके लिए विधेयक भी लाया गया। इसके बावजूद इसका पालन नहीं हो रहा।
कई परियोजनाओं के नाम पर गरीब - किसानों का भूमि अधिग्रहित कर लिया गया लेकिन उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिला। कंपनियों के आने से प्रदूषण चरम पर है। पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है।
संजय मेहता ने कहा कि झारखंड में विधानसभा और लोकसभा के स्तर पर अच्छे और ईमानदार लोगों की जरूरत है। जो जनता के मुद्दों के साथ खड़े रहें न कि कम्पनियों से सांठ - गाँठ कर ले। इस सभा के माध्यम से नेतृत्व कौशल को उभारने की कोशिश की जाएगी। सभा में राज्य के पाँचो प्रमंडलों से युवा नौजवान नेता भी सम्मिलित होंगे।
सभा में भुनेश्वर यादव भी अपने विचार रखेंगे। भुनेश्वर यादव ने कहा है कि झारखण्ड के हक अधिकार के लिए सबको मिलकर आवाज बुलंद करनी होगी। चौपारण प्रखंड के 26 पंचायत के हर गाँव से आम लोग सभा में सम्मिलित होंगे।