अपनी सफलता से उत्साहित मन्नत ने कहा है कि मैं खुशकिस्मत हूं कि मैंने गोल्ड पर निशाना साधने में सफलता अर्जित की है। इस सफलता का श्रेय मैं अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने प्रशिक्षक को देना चाहती हूं,जिनके कुशल मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन से ही यह संभव हुआ है। वहीं कार्तिकेय ने कहा है कि इस बार तो मैं पदक जीतने से चूक गया,लेकिन निकट भविष्य में होने वाले अन्य प्रतियोगिताओं में अपने मेहनत के बदौलत निश्चित तौर पर पदक जीतकर जिले का नाम रोशन करुंगा। इसके लिए मुझे जितना भी मेहनत करना पड़ेगा मैं करूंगा। वहीं जिला परिषद उपाध्यक्ष बिरजू तिवारी ने कहा है कि यह मेरे और मेरे परिवार के साथ-साथ चतरा जिले के लिए गर्व का पल है। उन्होंने कहा है कि यहां के बच्चे भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सफलता का परचम लहरा रहे हैं। इससे बड़ी खुशी ना तो किसी माता-पिता को मिल सकती है और ना ही जिले वासियों को। बेटी के स्वर्ण पदक जीतने व बेटे के बेहतर प्रदर्शन पर उन्होंने प्रशिक्षकों को बधाई दिया है।