देवघर : जेएमएम के टिकट से शशांक शेखर भोक्ता दे सकते हैं कड़ी टक्कर, दो बार किया है प्रतिनिधित्व
देवघर : झारखण्ड की राजनीति में संथाल परगना अपना एक विशेष स्थान रखता है और इस प्रमंडल के अंतर्गत ही संथाल का सबसे हॉट सीट माना जाने वाला विधानसभा क्षेत्र सारठ को माना जाता है वैसे तो सारठ देवघर जिला का एक प्रखण्ड है, किंतु यह दुमका लोकसभा का ही भाग है।कहते हैं सारठ की राजनीति कभी ठंढा नहीं होता है यहां प्रत्येक दिन हर चौक चौराहों और दुकानों में राजनीति की चर्चा आम होती है।वर्तमान में यह क्षेत्र भाजपा की झोली में है।2014 में इस सीट पर जेवीएम की टिकट पर लड़कर रणधीर सिंह ने विजय का विगुल फूंका था,बाद में रणधीर सिंह भाजपा जॉइन कर मंत्री बनें और लगातार दूसरी बार 2019 में बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़कर पहली बार सारठ में भाजपा को जीत दिलवाई।सारठ विधानसभा की राजनीतिक चर्चा पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह और जेएमएम के वरिय नेता सह पूर्व विधायक शशांक शेखर भोक्ता के चर्चा के बिना अधूरा है।जहां एक तरफ उदय शंकर सिंह ने विभिन्न पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल किया था वहीं जेएमएम का खुटा गाड़ने और विजय दिलवाने में शशांक शेखर भोक्ता ने अपनी अहम भूमिका निभाई और इस किले को जेएमएम के लिए न सिर्फ़ मजबूत किया अपितु अल्पसंख्यक और आदिवासी वोटरों के साथ अन्य पिछड़े वर्गों को गोलबन्द करनें में सफलता हांसिल किया था।जिसका उन्हें दो बार लाभ भी मिला और आज भी जेएमएम की एक अच्छी टीम मौजूद है।किंतु 2019 के चुनाव में जेएमएम ने शशांक शेखर भोक्ता का टिकट काटकर परिमल सिंह उर्फ भूपेन सिंह को दे दिया था शायद इसका गलत और नकारात्मक मैसेज जनता के बीच गया और परिमल सिंह अपना जमानत भी नहीं बचा सके थे।क्षेत्र के जानकार लोगों की मानें तो आज भी सारठ विधानसभा के एक मुश्त वोटर अल्प संख्यक और आदिवासी के साथ साथ पिछड़े वर्ग के वोटर की आस्था शशांक शेखर भोक्ता के साथ है।वहीं वर्तमान में शशांक शेखर भोक्ता फ़िर से एक बार क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं और उनके साथ पुराने जेएमएम कार्यकर्ताओं की भीड़ भी दिखती है।राजनीतिज्ञ जानकारों की मानें तो वर्तमान में सारठ विधानसभा में जेएमएम के कार्यकर्ता दो धुरी पर दिखते हैं किंतु पुनःएक बार शशांक बाबू के विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय होनें से उनके पुराने चाहने वाले और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है अगर जेएमएम आगामी विधानसभा चुनाव में शशांक शेखर भोक्ता को टिकट देती है तो अल्पसंख्यक के साथ साथ आदिवासी सहित पिछड़े और विभिन्न वर्गों के लोगों का मत गोलबन्द हो सकता है जो वर्तमान विधायक को कड़ी टक्कर देनें में सक्षम साबित होगा या हो सकता है जेएमएम के प्रति सकारात्मक परिणाम हो।