चौपारण (हजारीबाग) : चौपारण प्रखंड के दैहर पंचायत के रविकांत रंजन उर्फ रितिक भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट के पद पर योगदान देंगे. वह सोहरा हरिजन जनता उच्च विद्यालय मझगांव के शिक्षक सचित कुमार सिंह के इकलौते पुत्र हैं। अपनी मेहनत के बदौलत पर रविकांत ने सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा पास की और आईएससी तक की पढ़ाई पूरी की. वहीं, यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद उनका चयन एसएसबी सेंटर भोपाल से नेवी ऑफिसर के तौर पर चयनित हुए. पिता सचित कुमार सिंह ने बताया कि रविकांत का चयन जनवरी 2020 में भारतीय नौसेना अकादमी में हुआ था। प्रशिक्षण सह बीटेक की उपाधि एशिया के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण केंद्र भारतीय नौसेना अकादमी, केरल में चल रही थी। दीक्षांत समारोह सह पासिंग आउट परेड 23 से 25 नवंबर के बीच आयोजित किया गया था. रविकांत ने कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से जेएनयू नई दिल्ली द्वारा बी.टेक अर्धवार्षिक परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त कर अपनी अकादमी में ओवर ऑल प्रथम स्थान प्राप्त किया।
ओवरऑल प्रथम स्थान पाने पर मिला राष्ट्रपति स्वर्ण पदक
इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया।रविकांत रंजन को उनके माता-पिता के साथ नौसेना प्रमुख के साथ रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया गया था। नौसेना प्रमुख ने उन्हें अपने हाथों से राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया और अपने हाथों नौ सेना पदाधिकारी का बैच लगाया। अब रविकांत रंजन नौसेना पदाधिकारी सब-लेफ्टिनेंट के रूप में योगदान देंगे।
मेरा शुरू से ही सपना था कि मैं सैनिक बनूं और देश की सेवा करूं: रविकांत
रविकांत रंजन ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना सैनिक बनकर देश की सेवा करने का था. वह सपना आज सच हो गया. नौसेना में सब लेफ्टिनेंट बनकर रविकांत ने अपने गांव, पंचायत, ब्लॉक के साथ-साथ जिले और राज्य का भी नाम रोशन किया है. रविकांत ने बताया कि मेरे पिता शिक्षक हैं. यह सफलता उनके द्वारा दिये गये मूल्यों और उनके संघर्ष के कारण प्राप्त हुई है। बता दें कि 10-12 साल पहले तक प्रखंड मुख्यालय से 17 किमी दूर दैहर पंचायत के सोहरा गांव में प्रतिबंधित संगठनों की गोलियां गूंजती थीं. 15 अगस्त और 26 जनवरी को उग्रवादी संगठनों द्वारा राष्ट्रीय तिरंगे झंडे की जगह काला झंडा फहराया दिया जाता था।


