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पलामू : झारखण्ड क्रांति मंच के चौथे स्थापना दिवस सह संविधान दिवस के अवसर पर संविधान बचाओ यात्रा व सभा में जेकेएम अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने राजा मेदिनीराय व शहीद निलाम्बर-पिताम्बर की प्रतिमा पुनः स्थापित नहीं होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी

संविधान बचाओ मोर्चा पलामू के बैनर तले आज देश के संविधान के 74 वें संविधान...
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पलामू : झारखण्ड क्रांति मंच के चौथे स्थापना दिवस सह संविधान दिवस के अवसर पर संविधान बचाओ यात्रा व सभा में जेकेएम अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने राजा मेदिनीराय व शहीद निलाम्बर-पिताम्बर की प्रतिमा पुनः स्थापित नहीं होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी
मेदिनीनगर : संविधान बचाओ मोर्चा पलामू के बैनर तले आज देश के संविधान के 74 वें संविधान दिवस सह झारखण्ड क्रांति मंच के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर विशाल संविधान बचाओ यात्रा व सभा का आयोजन मेदिनीनगर कचहरी स्थित राजा मेदिनीराय व शहीद निलाम्बर-पिताम्बर की सदर एसडीओ मेदिनीनगर द्वारा तोड़वाई गई प्रतिमा स्थल से आक्रोशपूर्ण नारेबाजी के साथ प्रारंभ हुआ।

शहर के छात्रावास समेत कई स्थानों से चलकर झारखण्ड क्रांति मंच,भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी, समाजिक न्याय परिषद, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा हुल झारखण्ड क्रांति दल,फूलन देवी विचार मंच समेत कई संगठनों के लोगों ने भारी संख्या में यात्रा व सभा में भाग लेकर सदर एसडीओ मेदिनीनगर की मनमानी का जमकर विरोध किया। यात्रा का नेतृत्व झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु,भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी के नागमणि रजक, रामकुमार रवि, शशिकांत रंजन, प्रदीप रावण,अनुराग कुमार भारती, समाजिक न्याय परिषद के रवि पाल, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के त्रिपुरारी सिंह चेरो, अजय सिंह चेरो आदि ने किया।

कचहरी प्रांगण स्थित तोड़े गए प्रतिमा स्थल पर विशाल संविधान बचाओ सभा को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने राज्य के हेमन्त सोरेन सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा के मेयर व डिप्टी मेयर द्वारा लगातार पांच साल राजा मेदिनीराय,शहीद निलाम्बर-पिताम्बर व धरती आबा भगवान विरसा मुंडा जी की लगातार उपेक्षा के बाद जेएमएम, कांग्रेस व राजद गठबंधन की सरकार ने भी राजा मेदिनीराय व निलाम्बर-पिताम्बर की प्रतिमा लगाना व स्टेशन स्थित भगवान विरसा मुंडा जी की प्रतिमा का सुन्दरीकरण जरूरी नहीं समझा।पिछले 15 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर दलित/आदिवासी/पिछड़े व अल्पसंख्यको के हितैषी संगठनों द्वारा कचहरी परिसर में प्रतिमा लगाने के बाद भाजपा, जेएमएम समेत उनके कथित वंशजों के पेट में भयानक व जानलेवा दर्द शुरू हो गया था,जिसे मनुवादी एसडीओ ने रात के अंधेरे में बुलडोजर चलवाकर जमींदोज करवा दिया है।अगर यथाशीघ्र समाहरणालय परिसर के अन्दर हमारे उपरोक्त महापुरुषों की प्रतिमा नहीं लगाई गई तो पुनः इसी स्थान पर हमलोग प्रतिमा स्थापित कर देंगे।

ज्ञातव्य है कि कचहरी प्रांगण से विधिवत शुरू संविधान बचाओ यात्रा स्थानीय साहित्य समाज चौक स्थित भगवान आवरण में कैद भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण कर भारत माता के हाथ में तिरंगा ध्वज,पीछे भारत का नक्शा व संविधान की प्रस्तावना लगाने की मांग जिला प्रशासन व नगर निगम प्रशासन से किया।इसके बाद होस्पीटल चौक स्थित क्रांति पुत्र अमर शहीद सरदार भगत सिंह , अम्बेडकर पार्क स्थित परमपूज्य बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर जी व अंत में छ: मुहान स्थित देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद स्थानीय छ: मुहान पर अनुराग कुमार भारती की अध्यक्षता में विशाल संविधान बचाओ सभा में तब्दील हो गई।

सभा में आजाद समाज पार्टी के नागमणि रजक, रामकुमार रवि, छात्रावास अधीक्षक प्रो०अजय राम, झारखण्ड क्रांति मंच के केन्द्रीय महासचिव- सदीक अंसारी व विश्वनाथ राम, केन्द्रीय सचिव सह पूर्व जिला पार्षद निर्मला कुमारी, केन्द्रीय संयुक्त सचिव युगल किशोर राम, आईटी सेल के अध्यक्ष कलीम अंसारी, जिलाध्यक्ष विजय राम,नगर अध्यक्ष प्रदीप राम, समाजिक न्याय परिषद के अध्यक्ष रवि पाल, आदिवासी महासभा के अध्यक्ष त्रिपुरारी सिंह,अजय सिंह चेरो समेत अन्य वक्ताओं ने संविधान की महता पर प्रकाश डालते हुए संविधान रक्षा का संकल्प लिया।मुख्य वक्ता के रूप में सभा को संबोधित करते हुए झारखण्ड क्रांति मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने कहा कि आज प्रधानमंत्री से लेकर विधायक तक संविधान का शपथ लेकर संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।हमारा देश व राज्य संविधान के प्रावधानों से चलता है,ऐसे में देश को आजादी दिलाने वाले महापुरुषों व पुरखों का अपमान करने का अधिकार अनुमंडल व जिला प्रशासन को नहीं है। राज्य के मुख्यमंत्री मा०हेमन्त सोरेन जी भाजपा के नक्शे-कदम पर चलकर व मिलकर सरकार बनाते रहे हैं।अगर महापुरुषों का इसी तरह अपमान जारी रहा तो उग्र आन्दोलन अवश्यंभावी है। उन्होंने झारखण्ड क्रांति मंच के स्थापना दिवस पर अन्याय -अत्याचार व संवैधानिक मूल्यों के लिए लड़ने की प्रतिबद्धता व्यक्त किया।


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