
विष्णुगढ़। प्रखंड के इस्लामपुर, बरांय में रमजान के आखिरी जुमे के बाद भारत सरकार द्वारा मुसलमानों की वक्फ़ की जमीन को हड़पने के लिए लाई गई काला कानून वक्फ़ अमेंडमेंट बिल के खिलाफ काला पट्टी दाएं बाजू में बांधकर विरोध किया गया। लोगों ने कहा कि कुछ साल पहले हिंदुस्तान की हुकूमत जिस तरह से किसान भूमि अधिग्रहण बिल लाकर किसानों के जमीनों को अंबानी और अडानी को देना चाहती थी, उसी तरह मुसलमानों के वक्फ़ की जमीन को हड़प कर अडानी और अंबानी को देना चाहती है और मुसलमान को हाशिये में धकेलना चाहती है। लेकिन जिस तरह से देश के किसानों ने शहादत देकर किसान विरोधी बिल को वापस लेने पर सरकार को मजबूर किया था, उसी तरह से देश के इंसाफ पसंद नागरिक भी मुसलमान के खिलाफ लाए गए इस काले कानून को आंदोलन करके सरकार को वापस लेने के लिए मजबूर करेगी। एक तरफ सरकार सबका साथ और सब का विकास का नारा देती है,वहीं दूसरी तरफ वक्फ़ संशोधन बिल लाकर मुसलमानों के अधिकारों पर हमला कर रही है और मुसलमानों का मानसिक उत्पीड़न कर रही है। मुसलमानों के धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत तथा उनके पहचान को नष्ट करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। वक्फ़ की जमीन पर सरकार की मनमानी नहीं चलेगी। वक्फ़ बिल वापस लो। इस विरोध सभा में जमीयत उलेमा ए हिंद के पंचायत सदर मौलाना बिलाल,जामा मस्जिद अंजुमन के इमाम मौलाना तय्यब साहब, नायब इमाम मौलाना मुमताज साहब,जामा मस्जिद अंजुमन के सदर अब्दुल कलाम साहब, सेक्रेटरी अब्दुल रऊफ साहब, खजांची मोहम्मद शमीम साहब, डॉ जाकिर साहब, मौलाना सज्जाद साहब, मौलाना जाहिद साहब, हाजी मिराज, तमीम अंसारी, अफसर अंसारी, अनवर अंसारी, हामिद अंसारी, जलील अंसारी, जान मोहम्मद अंसारी, मकसूद अंसारी, असलम अंसारी, अनीस अंसारी, अरशद अंसारी, हलीम अंसारी, मुराद अंसारी, के अलावे सैकड़ो की संख्या में इस्लामपुर के लोग मौजूद थे।