नाई समाज के लोगों ने अपनी जमीन सीएनटी मुक्त करने हेतु मांडू विधायक को सौंपा पत्र

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 विष्णुगढ़ संवाददाता।

विष्णुगढ़ -  प्रखंड कार्यालय में मंगलवार को मांडू विधायक निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो द्वारा आयोजित जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान विष्णुगढ़ प्रखंड के नाई समाज के लोगों ने अपनी जमीन को सीएनटी से मुक्त करने हेतु मांग पत्र सौंपा।  मांग पत्र के माध्यम से मांडू विधायक निर्मल महतो को अवगत कराया गया कि झारखंड राज्य के 18 ज़िले जिनमें धनबाद , बोकारो , गिरीडीह , हजारीबाग ,चतरा, कोडरमा , रामगढ़ , पलामू , लातेहार , गढ़वा , रांची , सराइकेला , खरसावां , पश्चिम सिंहभूम , पूर्वी सिंहभूम , लोहरदगा , सिमडेगा , खूंटी , एवं गुमला जिला शामिल है। उक्त जिलों में नाई जाति की जमीन पर झारखंड सरकार के द्वारा सीएनटी एक्ट 1908 लागू किया गया है। वर्तमान समय में सीएनटी एक्ट में शामिल अधिनियम से आच्छादित हो जाने के कारण नाई जाति को निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । जिसमें नाई समाज अपने खरीदारी एवं क्रय की गई सीएनटी एक्ट 1908 मुक्त भूमि पर गैर कृषि कार्य जैसे उद्योग ,कल कारखाने , स्कूल , काॅलेज , एवं अन्य व्यवसायिक कार्य करने में असमर्थ हैं। नाई जाति को सरकारी बैंक द्वारा जमीन के एवज में गृह ऋण एवं शिक्षा ऋण से भी वंचित कर दिया गया है। जिससे जीवन में पैसों की आवश्यकता पड़ने पर बीमारी का इलाज , बेटी की शादी , गृह निर्माण , बच्चों की शिक्षा जैसे आवश्यक कार्य पड़ने पर अपनी जमीन को उन्हें औने-पौने दामों में स्वजातियों के पास बेचने हेतु मजबूर हैं। स्वजाति भी इसका लाभ उठाने में पीछे नहीं रहते हैं। जिससे नाई जाति के लोगों को भारी आर्थिक क्षति हो रही है। नाई जाति सीएनटी एक्ट 1908 मुक्त खरीदी गई जमीन को बाजार के मूल्य में नहीं बेच पा रहे हैं। अगर वे जमीन को बेचना चाहते हैं तो सीएनटी एक्ट 1908 आच्छादित अत्यंत पिछड़े वर्ग के 51 जातियों के पास हीं बेचने हेतु सरकार से उन्हें अनुमति लेनी पड़ती है। नाई जाति द्वारा क्रय की गई सीएनटी एक्ट 1908 मुक्त जमीन एवं पूर्वजों से प्राप्त खतियानी जमीन को किसी भी संस्थान या फिर किसी भी रिश्तेदार को कानूनी रूप से दान या फिर उसे स्थानांतरण नहीं कर सकते हैं इस तरह की समस्याएं शामिल हैं। इस मामले में ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि झारखंड सरकार के द्वारा अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 182 जातियां सूचिबद्ध हैं लेकिन सीएनटी एक्ट 1908 में 51 जातियों को हीं आच्छादित किया गया है। इस बाबत मांडू विधायक निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो से नाई जाति के लोगों ने अनुरोध किया है कि वर्तमान समय में आर्थिक प्रगति में बाधक 117 साल पुराने अधिनियम से नाई जाति को अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 131 जातियों के तर्ज पर पूर्णतः मुक्त करने की कृपा की जाए। इस मौके पर मुख्य रूप से वरूण कुमार शर्मा , मनोज शर्मा ,अजय कुमार शर्मा , कुंदन शर्मा एवं संतोष शर्मा समेत काफी संख्या में नाई समाज गणमान्य लोग मौजूद थे।

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