
एसीबी की कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप, ममता वाहन संचालक की शिकायत पर हुई कार्रवाई
चौपारण (हजारीबाग)। हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड स्थित चौपारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में व्याप्त भ्रष्टाचार की परतें अब उजागर होने लगी हैं। ताजा मामला सीएचसी प्रभारी सतीश कुमार से जुड़ा है, जिन्हें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
ममता वाहन के बिल भुगतान के लिए मांगी थी घूस
चौपारण प्रखंड के दादपुर गांव निवासी उज्ज्वल सिन्हा, जो ममता वाहन के संचालक हैं, ने एसीबी को एक गंभीर शिकायत सौंपी थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि प्रभारी सतीश कुमार उनसे उनके पिछले 3 से 4 महीनों के लंबित बिल, जिसकी कुल राशि करीब ₹25,000 थी, के भुगतान के लिए ₹4000 की रिश्वत की मांग कर रहे थे।
उज्ज्वल सिन्हा ने यह भी बताया कि उन्होंने बार-बार स्वास्थ्य केंद्र में जाकर बिल के भुगतान का अनुरोध किया, लेकिन हर बार कोई न कोई बहाना बना दिया गया। अंततः प्रभारी ने स्पष्ट कहा कि बिना 'नज़राना' दिए फाइल आगे नहीं बढ़ेगी।
एसीबी ने की गोपनीय जांच, पाया सत्य
एसीबी ने शिकायत मिलते ही इसे गंभीरता से लिया और सबसे पहले इस पर प्राथमिक जांच शुरू की। प्रमाणों की गोपनीय जांच की गई, जिसमें शिकायत सत्य प्रतीत हुई।
इसके बाद एसीबी की एक विशेष टीम ने पूरी योजना बनाई और एक ट्रैप ऑपरेशन (फंसाने की कार्रवाई) को अंजाम देने का फैसला किया।
एसीबी का ट्रैप ऑपरेशन: घूस लेते रंगे हाथ दबोचे गए प्रभारी
नियोजित दिन पर उज्ज्वल सिन्हा ने सतीश कुमार को उनकी मांग के अनुसार ₹4000 की राशि देने की सहमति जताई। तय समय पर जैसे ही प्रभारी ने यह राशि उज्ज्वल सिन्हा से ली, वहीं मौजूद एसीबी टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर जाया गया, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
एसीबी ने कहा है कि यह सिर्फ एक शुरुआत है, जांच के बाद और भी कई कर्मचारियों या अधिकारियों के नाम उजागर हो सकते हैं।
स्थानीय जनता में भारी नाराजगी
इस घटना के सामने आने के बाद से चौपारण सहित पूरे हजारीबाग जिला में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। कई सामाजिक संगठनों और ग्रामीणों ने इस पर नाराजगी जताई है।