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बड़ी खबर : पुलिस हिरासत में बीएसएफ जवान ने की आत्महत्या, परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

खूंटी जिले में पुलिस हिरासत में BSF जवान राहुल मांझी ने थाने के बाथरूम में आत्महत्या कर ली...परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया...
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बड़ी खबर : पुलिस हिरासत में बीएसएफ जवान ने की आत्महत्या, परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है। बीएसएफ के जवान राहुल मांझी ने पुलिस हिरासत में आत्महत्या कर ली। उस पर गांव की एक युवती से छेड़खानी का आरोप था, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंपा था। पुलिस ने उसे मुरहू थाना में बंद कर दिया, लेकिन कुछ ही घंटों बाद जवान ने थाने के बाथरूम में फांसी लगा ली। इस घटना से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

घटना के बाद मचा हड़कंप

जैसे ही जवान की मौत की सूचना मिली, पुलिस-प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। तुरंत एसपी मनीष टोप्पो, डीएसपी वरुण रजक समेत वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। थाना परिसर में भारी संख्या में लोग जुट गए।

कौन था जवान राहुल मांझी?

  1. मृतक जवान राहुल मांझी बीएसएफ में तैनात था और सिलीगुड़ी में पोस्टेड था।
  2. वह 15 नवंबर 2024 को छुट्टी लेकर घर आया था।
  3. छुट्टी पूरी होने के बाद भी उसने दोबारा कैंप ज्वाइन नहीं किया।
  4. परिवार के अनुसार, ड्यूटी पर क्यों नहीं लौटा यह साफ नहीं हो सका।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जवान ने एक युवती को परेशान किया। देर रात जब मामला बढ़ा तो ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने मुरहू थाना में उसे हिरासत में लिया। कुछ ही देर बाद जवान ने थाने के बाथरूम में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

परिजनों का आक्रोश

घटना के बाद जवान के घर में मातम पसर गया है। पत्नी और बच्चे बेसुध हैं।

  1. मृतक के भाई रामाकांत मांझी ने कहा कि पुलिस की दबावपूर्ण कार्यवाही और लापरवाही के कारण ही राहुल ने यह कदम उठाया।
  2. उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हिरासत में सुरक्षा की घोर अनदेखी हुई है।
  3. परिवार ने जवान की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और निष्पक्ष जांच की मांग की है।

प्रशासन ने क्या कहा?

डीएसपी वरुण रजक ने कहा –

  1. प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है।
  2. वास्तविक कारण मजिस्ट्रेट जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा।
  3. थाना प्रभारी की लापरवाही की भी जांच की जा रही है।

बड़े सवाल खड़े

यह घटना पुलिस हिरासत में सुरक्षा और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद एक आरोपी का थाने में आत्महत्या कर लेना बड़ी चूक माना जा रहा है। यह मामला अब न्यायिक जांच के घेरे में है और परिजनों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन पर निष्पक्ष जांच का दबाव बढ़ गया है।

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क्राफ्ट समाचार इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर क्राफ्ट समाचार की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।


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