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देवघर : हिंदी विद्यापीठ में धूमधाम से मनीं हिंदी दिवस

हिंदी की सेवा में सेवारत संस्थान हिंदी विद्यापीठ में धूमधाम से हिंदी दिवस मनाई गई। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के व्यवस्थापक...
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हिंदी विद्यापीठ में धूमधाम से मनीं हिंदी दिवस

हिंदी एक समृद्ध भाषा है: अशोकानंद झा

देवघर : हिंदी की सेवा में सेवारत संस्थान हिंदी विद्यापीठ में धूमधाम से हिंदी दिवस मनाई गई। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के व्यवस्थापक अशोकानंद झा ने हिंदी को एक समृद्ध भाषा बताया। साथ ही उन्होंने भाषा की महत्ता पर बोलते हुए कहा कि कोई भी देश तब तक आजाद व स्वावलंबी रह सकता है,जब तक उसका अपना एक संविधान,एक राष्ट्रीय ध्वज व एक अपनी भाषा हो। वहीं हमारे देश मे हिंदी के साथ ही अंग्रेजी को भी पंद्रह वर्षों के लिए जोड़ दिया गया,जो आज तक जारी है।

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राष्ट्रभाषा देश की उत्थान के लिए रीढ़ की हड्डी के समान होती है। लेकिन अंग्रेजों ने एक साजिश के तहत भाषा के नाम पर हमें तोड़ने की कोशिश की है। श्री झा ने हिंदी को आगे कैसे बढ़ाएं,इस पर काम करने की जरूरत पर बल दिया। अंत मे उन्होंने हिंदी की उत्तरोत्तर विकास के लिए हिंदी विद्यापीठ जैसे हिंदीसेवी संस्थान की जरूरत पर बल दिया। वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.रामनंदन सिंह ने कहा कि हिंदी उत्थान की ओर अग्रसर है। इसके पीछे सरकार के बजाय हिंदी प्रेमियों का ज्यादा हाथ है। प्रो.सिंह ने लोगों से हिंदी को अपना स्वाभिमान व आत्मसम्मान मानने का आह्वान करते हुए इसे आगे बढ़ाने की बात कही। वहीं विशिष्ट अतिथि व शिक्षाविद श्री सर्वेश्वर दत्त द्वारी ने हिंदी को वैज्ञानिक भाषा बताया। उन्होंने कहा कि हमारे देश मे राजनीतिक कारणवश हिंदी कुछ परेशानियों से जूझ रही है,बावजूद हिंदी का अपेक्षाकृत विकास हो रहा है। श्री दत्त ने अन्य भाषाओं से घृणा न करने की सलाह देते हुए हिंदी को प्राथमिकता देने की बात कही। इसी क्रम में सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी अनिल कुमार झा ने भाषा को भाव अभिव्यक्ति का माध्यम बताया। साथ ही कहा कि भाषा की उपेक्षा अस्वीकार्य है। देश मे भाषा की राजनीति होने के कारण ही तमिलनाडु व महाराष्ट्र में हिंदी का व्यापक विरोध किया जाता है। अन्य वक्ताओं में शिक्षक श्री राकेश विद्यार्थी ने कहा कि हिंदी ने ही स्वतंत्रता आंदोलन के समय जन-जन को जोड़ने का काम किया था। उन्होंने हिंदी को क्लिष्ट भाषा न मानते हुए इससे जुड़ने का आह्वान किया। साहित्य प्रेस प्रबंधक हिमांशु झा ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी एक दिन देश की राष्ट्रभाषा जरूर बनेगी। उन्होंने हिंदी की प्रगति में हिंदी विद्यापीठ की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया। वहीं बीएड कॉलेज की शिक्षिका श्रीमती दुर्गा भौमिक ने हिंदी की आज हो रही व्यापक विस्तार पर चर्चा करते हुए संतुष्टि जाहिर की। गोवर्धन साहित्य महाविद्यालय के शिक्षक नीतीश द्वारी ने भी देश मे हिंदी की हो रही विस्तार को स्वीकारते हुए कहा कि सभी क्षेत्रों में हिंदी पहुंच चुकी है। इससे पूर्व कार्यक्रम का संचालन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय कुमार खवाड़े ने भाषा को जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताया। साथ ही कहा कि भाषा सिर्फ संवाद का ही माध्यम नहीं है बल्कि भाषा लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का भी काम करती है। उन्होंने हिंदी को देश की पहचान बताते हुए इसे राष्ट्रभाषा बनाये जाने की मांग रखी। हिंदी प्रमियों से भरे इस कार्यक्रम में संस्थान के मीडिया प्रभारी शम्भू सहाय समेत कार्यालय अधीक्षक संजय कुमार,महेन्द्रनाथ झा,किशोर झा,मनोज परिहस्त राजेश सरेवार,सुरेश खोवाला व बीएड कॉलेज के कार्यालय अधीक्षक पंकज कुमार सिन्हा,प्रमोद पांडेय, शिक्षक ओम कुमार सिंह, सुनील नरौने,शंकरनाथ झा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।


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