- मेन रोड का अधूरा और टूटा डिवायडर कोई तारणहार मिल जाए
- आम आदमी के लिए अवरोधक बन गया?
- दो दशक से अधूरा और टूटा पड़ा?
- ट्रैफिक व्यवस्था से कब मिलेगी निज़ात ?
- अधूरे डिवायडर पर किसी की कृपा दृष्टि नही?
- शहर की खूबसूरती को मुँह चिढ़ाती है यह स्थिति?
- शहर के सबसे खूबसूरत सड़क की सुंदरता बिगाड़ दी?
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हज़ारीबाग़ :- इन दिनों शहर की खूबसूरती पर करोड़ो खर्च किए जा रहे है लेकिन मेन रोड के टूटे और अधूरे डिवायडर पर किसी की कृपा दृष्टि नही है। जगह जगह टूट कर यह सड़क आम आदमी के लिए अवरोधक बन गया है। यह डिवायडर इंद्रपुरी से रेलवे स्टेशन तक बनना था लेकिन बना झंडा चौक ही वो भी आधा अधूरा। समय से पहले ही यह टूट गया और शहर के सबसे खूबसूरत सड़क की सुंदरता बिगाड़ दी इसने। आश्चर्य की बात है कि इस बीच करोड़ो रुपये सुंदरीकरण के नाम खर्च हो गए। लेकिन नगर निगम कि भी दृष्टि इस पर कभी नही गयी। जानकार बताते है सिंघानी चौक से कोरा मटवारी इंद्रपुरी होते हुए पूरे मेन रोड को डिवायडर और खूबसूरत लाइटो से सजाने कि पहल पथ निर्माण विभाग द्वारा कि गयी थी। बाद मे विभाग ने चुप्पी साध ली। जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि शहर कि दो और सड़को को फोर लेन मे बदलने का प्रस्ताव पथ विभाग द्वारा राज्य सरकार के पास भेजा गया था। उस पर भी खामोशी है। वही क्षितिज अस्पताल से सिन्दूर तक जाने वाला पुराना हाइवे भी बदहाल है। नया समहारनालय के आसपास तो सड़क के किनारे बहुत बड़े बड़े गडहे बने हुए है जो खतरनाक भी है। इस पूरी सड़क को आसानी से फोरलेन मे बदल कर शहर कि खूबसूरती को नया रूप दिया जा सकता है। लेकिन उम्मीद कि किरण नज़र नही आती है। हालाँकि प्रशासन के स्तर पर कुछ प्रयास सुंदरीकरण को लेकर ज़रूर दिखाई देता है लेकिन राजनीति कि खामोशी खलती है। लोग आरोप लगाते है कि राजनीतिक दलों के पास शहर को बेहतर, सुंदर और आदर्श बनाने कि कोई खास योजना ना कभी थी और ना है। यही वजह के प्रस्तावित योजनाओ कि राजकीय सहमति वर्षो लंबित रहती है। ऐसे मे दो दसक से ज्यादा समय से मेन रोड का डिवायडर अधूरा और टूटा पड़ा है तो इस पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए किसी को।