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स्वामी विवेकानंद जयंती सह पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन
Hazaribagh: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर(
Saraswati Shishu Vidya Mandir) , मालवीय मार्ग ,हजारीबाग में स्वामी विवेकानंद जयंती सह पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन हुआ। मौके पर बतौर मुख्य अतिथि श्रीमती रोशनी तिर्की ,महापौर नगर निगम, हजारीबाग, भाजपा महिला मोर्चा की महामंत्री श्रीमती सत्यभामा जी, वार्ड पार्षद श्रीमती सोनी छेत्री कृष्णा ,विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के माननीय सचिव, श्रीमान मनोज केसरी , कोषाध्यक्ष - पंकज जायसवाल ,अभिभावक प्रतिनिधि, श्रीमती बबीता देवी, श्री अमन कुमार, प्रसिद्ध इंजीनियर एवं पुरातन छात्र, विद्यालय के प्राचार्य - श्रीमान विनय कुमार पांडे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन एवं स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
अतिथि परिचय विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्रीमान मनोज कुमार पांडे ने किया। सभी आगत अतिथियों को श्रीफल एवं अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गयाा। अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि महोदय ने स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए हुए मार्ग पर चलने के लिए उपस्थित भैया /बहनों को प्रेरित किया तथा कहा कि आप अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित कर उस दिशा में निष्ठा पूर्वक मेहनत करें तभी आप अपने मंजिल को पा सकते हैं।
विद्यालय के कोषाध्यक्ष श्रीमान पंकज जायसवाल ने कहा की स्वामी विवेकानंद महान शिक्षाविद, सच्चे देशभक्त एवं भारतीय संस्कृति के रक्षक थे।
उन्होंने उन्होंने पुरातन छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष में दो बार कम से कम आप जरूर विद्यालय पधारें श्री अमन कुमार ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि विवेकानंद जी युवाओं के सच्चे अर्थों मे प्रेरणा स्रोत है हम उनके बताए हुए मार्ग पर चल कर ही अपने देश एवं समाज का कल्याण कर सकते है। आगे उन्होंने कहा कि अगर भारत को सही अर्थों में जानना है तो विवेकानंद की जीवनी को अच्छी तरह से जानना होगा। कार्यक्रम में श्रीमती सोनी क्षेत्री कृष्णा ने कहा की आपअपने लक्ष्य को निर्धारित कर आगे बढ़ते जाएं तथा विद्यालय में प्राप्त संस्कार को अपने जीवन में हमेशा अपनाए रहेे। कार्यक्रम के अंत में सभी के प्रति आभार एवं कृतज्ञता व्यक्त करते हुए श्री मनोज कुमार पांडे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र के पाठ के साथ हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी आचार्य बंधु/ भगिनी ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।
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