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चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ व बोकारो समेत अन्य जिलों से जुड़ा है तार, सहिया व एनटीपीसी के ड्रेशर तक ने निभाई ब्रोकर की भूमिका..?
बोकारो के आशा शशि हॉस्पिटल के कर्मी व चतरा में संचालित अवैध नर्सिंग होम के संचालक अरुण दांगी समेत स्वास्थ्य महकमे से जुड़े कई मानव तस्कर है गिरोह के मास्टरमाइंड..?
वंश बढ़ाने व बुढापा के सहारे की चाहत ने दंपति से करवा दिया घिनौना अपराध, तीन बेटी के बाद बेटे के लिये खर्च किये थे साढ़े चार लाख...!
सीडब्ल्यूसी को सौंपा जाएगा बच्चा, दत्तक गृह में जांच के बाद होगा भविष्य का फैसला...!
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हिरासत में लिये गये लोगों में चास के जोधाडीह मोड़ निवासी आनंद जायसवाल और रजनीकांत तथा हरला थाना क्षेत्र के चैताटांड़ निवासी चंदन कुमार शामिल हैं। चतरा सदर थाना पुलिस तीनों मध्यस्थों एवं नवजात को खरीदने वाले दंपती को भी हिरासत में लिया है। एसडीपीओ ने बताया कि एसआईटी एसआई वीणा कुमारी के नेतृत्व में बोकारो के चास थान पहुंची। जहां जोधाडीह मोड़ जे रहने वाले आनंद जायसवाल को चास पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया। जिसके बाद उससे कड़ाई से पूछताछ की गयी, तो उसने एक अन्य युवक रजनीकांत का नाम बताया।
रजनीकांत को चास पुलिस ने चास चेकपोस्ट से हिरासत में लिया। पूछताछ के क्रम में दोनों ने बताया कि हरला थाना क्षेत्र के चैताटांड़ में रहने वाले चंदन कुमार ने ही अपने एक रिश्तेदार को नवजात दिलाया है। जिसके बाद चतरा सदर पुलिस हरला थाना पहुंची। हरला थाना पुलिस के सहयोग से चंदन को हिरासत में लिया गया। जिसके बाद उसने नवजात को बरामद करने में पुलिस को सहयोग करने की बात स्वीकारी।
चैताटांड़ के चंदन ने पुलिस को बताया कि नवजात हजारीबाग के बड़कागांव में रहने वाले उसके एक रिश्तेदार के पास है। उन्होंने ही नवजात को खरीदा है। पुलिस की लगातार दबिश देखकर उसने पहले ही उक्त रिश्तेदार को नवजात बोकारो पहुंचाने को कहा था। नवजात को लेकर रिश्तेदार बड़कागांव से बोकारो आ रहे हैं। पुलिस ने उन्हे आने के दौरान ही पेटरवार में रोक लिया और नवजात को अपने कब्जे में ले लिया।
नवजात को खरीदने वाले दंपती का कहना है कि उन्होंने बच्चे को खरीदा, क्योंकि उनकी सिर्फ तीन बेटियां हैं और पुत्र नहीं है। पुत्र की चाहत और वंश को आगे बढ़ाने की चाहत से उन्होंने इस नवजात को खरीदा था। जिसे पढ़ा- लिखाकर अपने अनुरूप बनायेंगे और बुढ़ापे का सहारा बनायेंगे। वे लोग हजारीबाग के बड़कागांव इलाके के रहने वाले हैं।
गौरतलब है कि चतरा के दीभा मुहल्ला निवासी एक महिला ने पैसों के लालच में प्रसव के आठ घंटे के बाद ही एक लाख रुपये में अपने नवजात को बेच दिया था। महिला ने 18 मार्च की रात चतरा के सदर अस्पताल में शिशु को जन्म दिया था। इधर, महिला के रिश्तेदारों की शिकायत पर चतरा जिला प्रशासन एवं सदर अस्पताल प्रबंधन हरकत में आयी और नवजात की तलाश शुरू की। नवजात की माँ को एक लाख रुपये दिये गए थे। जबकि साढ़े तीन लाख रुपये सहिया व ड्रेशर समेत अन्य ब्रोकरों के बीच बांटा गया था।
बहरहाल गिरोह के मास्टरमाइंड अवैध नर्सिंग होम के संचालक अरुण कुमार दांगी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिसिया दबिश बढ़ा दी गई है। अरुण दांगी की गिरफ्तारी के बाद ही इस पूरे गिरोह और उससे जुड़े मानव तस्करी से जुड़े सफेदपोश गुनाहगारों के चेहरे से पर्दा हट सकेगा।
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