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रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम आईएएस अधिकारी छवि रंजन के ठिकानों पर गुरुवार सुबह से छापेमारी कर रही है. आईएएस अधिकारी छवि रंजन की पत्नी लवली के जमशेदपुर स्थित आवास पर भी छापेमारी की जा रही है. इसके अलावा कई अंचलाधिकारियों सहित कुल 22 ठिकानों पर छापेमारी जारी है.
रांची की पूर्व उपायुक्त छवि रंजन वर्तमान में समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर तैनात हैं. सूत्रों ने बताया कि ईडी की टीम ने रांची, जमशेदपुर, सिमडेगा, हजारीबाग, कोलकाता, गोपालगंज में एक साथ छापेमारी की. इसके अलावा रांची के हिंदपीढ़ी में भी कुछ जमीन कारोबारियों के पास भी टीम पहुंची है.
बताया जा रहा है कि रांची के बरियातू में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में ईडी यह कार्रवाई कर रहा है. इससे पहले 05 नवंबर 2022 को ईडी ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल और एक अन्य कारोबारी विष्णु अग्रवाल, खरीद बिक्री में शामिल प्रदीप बागची, दिलीप घोष और दो रजिस्ट्रार से जुड़े दो दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी.
इस फर्जीवाड़े का खुलासा कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में पहले ही हो चुका है। उक्त रिपोर्ट में यह सामने आया है कि प्रदीप बागची नाम के एक व्यक्ति ने उक्त जमीन जगत बंधु टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को फर्जी रैयत बनाकर बेची थी. प्रदीप बागची ने जमीन क्रय-विक्रय की रजिस्ट्री में जो जोत संख्या संलग्न की थी उससे संबंधित दो अलग-अलग दस्तावेज जांच में फर्जी पाये गये. इसके बाद रांची नगर निगम की ओर से बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.
रांची नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने जून 2022 में नगर आयुक्त के आदेश पर जालसाजी के मामले में प्रदीप बागची के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल दिखाकर दो जोत ली थी। कमिश्नर की जांच में सेना के कब्जे वाली जमीन के असली रैयत जयंत कर्नाड का पता चला। ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था.
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