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झारखंड सरकार में 11वें मंत्री के रूप में बेबी महतो ने ली शपथ, कहा- पति के अधूरे सपने को पूरा करूंगी

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झारखंड सरकार में 11वें मंत्री के रूप में बेबी महतो ने ली शपथ, कहा- पति के अधूरे सपने को पूरा करूंगी


Jharkhand : सोमवार को झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी ने झारखंड सरकार में 11वें मंत्री के रूप में शपथ ली. राजभवन के हॉल में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने बेबी देवी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन समेत कई नेता और मंत्री मौजूद रहे.

शपथ लेने के बाद बेबी देवी ने मीडिया के सवालों पर कहा कि वह गुरुजी शिबू सोरेन और सीएम हेमंत सोरेन के आदेश का पालन करेंगी. वह क्षेत्र की जनता की सेवा करेंगी और अपने पति जगरनाथ महतो के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए लगातार काम करती रहेंगी. शपथ ग्रहण समारोह में जेएमएम के कई मंत्रियों और नेताओं को एंट्री नहीं मिली, जिससे वे नाराज दिखे.

➨इससे पहले भी बिना विधानसभा सदस्य बने मंत्री बनाये गये हैं

झारखंड अलग राज्य बनने के बाद यह तीसरी बार है जब कोई बिना विधानसभा का सदस्य बने मंत्री बना है. इससे पहले मधु कोड़ा सरकार में स्व. हेमेंद्र प्रताप देहाती और हेमंत कैबिनेट में हफीजुल हसन का नाम इस लिस्ट में शामिल है. इस मामले में तीसरी मिसाल बनीं बेबी देवी.

➨कौन हैं नई मंत्री बेबी देवी

बेबी देवी स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी हैं. उनका मायका धनबाद जिले के तोपचाची प्रखंड के गोमो के जीतपुर गांव में है. उनकी शादी कम उम्र में ही 1979 में स्वर्गीय जगरनाथ महतो से हो गयी थी. उस समय जगरनाथ महतो मिडिल स्कूल में ही पढ़ रहे थे.
बेबी देवी और जगरनाथ महतो की चार बेटियां और एक बेटा अखिलेश महतो उर्फ राजू है। सबसे बड़ी बेटी सुनीता कुमारी की शादी गिरिडीह के मदेडीह, दूसरी बेटी रीना पुन्नरी नावाडीह, तीसरी बेटी गीता कुमारी की हजारीबाग और छोटी बेटी पूनम कुमारी की शादी रांची के तमाड़ जिले में हुई है.

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शादी के बाद बेबी देवी घर के कामकाज में ही लगी रही. लेकिन किस्मत ने उन्हें ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया कि उन्हें घर के कामकाज के अलावा राजनीति, सत्ता और मंत्रालय के गलियारे में ले जाया गया. वैसे, जगरनाथ महतो ने भी हाई स्कूल तक पढ़ाई की थी और उन्होंने इंटरमीडिएट में ही मंत्री पद के लिए नामांकन करा लिया था, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान वह बीमार पड़ गये. बाद में स्वस्थ होकर वे पुनः मंत्रालय के कार्य में लग गये। इसी बीच वे फिर बीमार पड़ गये और 6 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गयी।

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