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बरकट्ठा डीप बोरिंग से गर्म पानी की धारा निकलती है, सूर्यकुंड के आसपास के इलाकों में ठंडे पानी के लिए ग्रामीण परेशान

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बरकट्ठा डीप बोरिंग से गर्म पानी की धारा निकलती है, सूर्यकुंड के आसपास के इलाकों में ठंडे पानी के लिए ग्रामीण परेशान

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर जल-नल योजना से ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझ रही है

बरकट्ठा : बेलकप्पी स्थित सूर्यकुंड धाम के चारों ओर गर्म पानी निकल रहा है. इसमें दिक्कत यह है कि जहां भी डीप बोरिंग की जा रही है, वहां से गर्म पानी ही निकल रहा है. इससे केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल-जल योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है. दरअसल, लाभुकों का कहना है कि उन्हें ठंडा पानी नहीं मिल रहा है और उनकी प्यास नहीं बुझ रही है. सूर्यकुंड धाम एशिया का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। मकर संक्रांति में यहां देश-विदेश से पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा जीटी रोड पर होने के कारण यहां अक्सर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। ठंडा पानी न मिलने से पर्यटक भी परेशान हैं। स्थानीय लोग भी ठंडे पानी के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक व्यवस्था को कोसते रहते हैं.

मिनरल वाटर या नदी के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं

धार्मिक स्थल होने के कारण यहां शादियां भी होती रहती हैं। ठंडा पानी न मिलने के कारण लोग मिनरल वाटर या नदी के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं। चार वर्ष पूर्व सरकार द्वारा ठंडे पानी के लिए नवनिर्मित डिग्री कॉलेज सूर्यकुंड धाम के पास डीप बोरिंग कराकर सूर्यकुंड धाम परिसर में करीब एक किलोमीटर दूर से पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति की गयी थी. लेकिन बाद में वहां भी गर्म पानी निकलने लगा. पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के दिसंबर माह में विधायक निधि से नदी किनारे एक कुआं का निर्माण कराया गया था. लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं मिल सका. स्थानीय मुखिया ललिता देवी ने 15वें वित्त आयोग से मोटर, पाइपलाइन आदि का निर्माण कार्य कराया. लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में दर्जनों शौचालय के साथ ही पानी की पाइप लाइन व नल बेकार साबित हो रहा है.

मुख्य जलस्रोत के किनारे के फैलाव से निकल रहा गर्म पानी : डॉ. एसएन सिन्हा

विनोबाभावे विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसएन सिन्हा कहते हैं कि जियोथर्मल एनर्जी के कारण सूर्यकुंड धाम के मुख्य जलस्रोत के फैलाव के कारण आसपास के इलाकों में भी गर्म पानी का प्रभाव रहता है. भूगर्भ में बहने वाला सल्फर युक्त गर्म पानी आसपास की दरारों के सहारे दूसरे जलस्रोत में चला जाता है। इसलिए उस जलस्रोत की धारा भी गर्म हो जाती है.

भूविज्ञानी ठंडे जल स्रोतों के लिए उपाय सुझाते हैं

भूविज्ञानी अभिषेक मिश्रा ने कहा कि इसका अस्थायी तौर पर समाधान किया जा सकता है. इसके लिए शासन स्तर से भूवैज्ञानिकों की मदद से जियोफिजिकल एवं जियोलॉजिकल सर्वेक्षण कराकर उस दिशा में काम किया जा सकता है। सूर्यकुंड के मुख्य जलस्रोत की धार को दूसरी दिशा में भूगर्भ में रोककर अन्य जलस्रोतों को इसके संपर्क में आने से रोकना होगा.


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