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BREKING : चाईबासा में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़, एक जवान शहीद, दूसरे की हालत गंभीर

झारखंड के चाईबासा जिले के अति नक्सल प्रभावित टोंटो थाना क्षेत्र के जंगलों.....
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चाईबासा में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़, एक जवान शहीद, दूसरे की हालत गंभीर

झारखंड समाचार: झारखंड के चाईबासा जिले के अति नक्सल प्रभावित टोंटो थाना क्षेत्र के जंगलों में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी जारी है. नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवानों को गोली लग गई, जिसमें एक जवान शहीद हो गया और दूसरे जवान को चाईबासा में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया गया.

शहीद जवान का नाम सुशांत कुमार है, वह ओडिशा के रहने वाले थे. बता दें, नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद दो जवानों को इलाज के लिए चाईबासा से एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया था.

दरअसल, नियमित सर्च ऑपरेशन में निकले सुरक्षा बल के जवानों पर नक्सलियों ने फायरिंग कर दी. जवानों ने मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई की. गौरतलब है कि टोंटो थाना क्षेत्र के जंगलों में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. उसी दौरान ये मुठभेड़ हुई. गोलीबारी में घायल जवान सीआरपीएफ-60 बटालियन के हैं.

नक्सली जंगल से भाग गये

घायल जवानों की पहचान कांस्टेबल सुशांत और हवलदार मुन्ना के रूप में हुई है। कांस्टेबल सुशांत के पैर में गोली लगी है. जबकि हवलदार मुन्ना के सीने में गोली लगी. मुठभेड़ में झारखंड पुलिस की ओर से सीआरपीएफ कोबरा बटालियन और झारखंड जगुआर की टीम शामिल थी. दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग हुई. इसके बाद इनामी नक्सली मिसिर बेसरा अपने दस्ते के सदस्यों के साथ पीछे हट गया. मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रखा है. पुलिस कप्तान आशुतोष शेखर ने मामले की पुष्टि की है.

माओवादियों का बंकर ध्वस्त

वहीं, मुठभेड़ के बाद पुलिस ने गुरुवार को मिसिर बेसरा के बेस कैंप को ध्वस्त कर दिया. बंकर में रोशनी की सुविधा से लेकर रोजमर्रा की जरूरत की हर चीज मौजूद थी. इसके अलावा वहां मोर्टार, विस्फोटक और अन्य हथियार और नक्सली साहित्य भी मिले हैं. हालांकि अभी तक पुलिस अधिकारियों द्वारा पूरे मामले का खुलासा नहीं किया गया है. पुलिस के अनुसार मिसिर बेसरा कभी सामने नहीं आया. वह हमेशा सुरक्षा घेरे में रहता है, मिसिर बेसरा जिस बेस कैंप में रहता है, उसके आसपास लैंड माइंस बिछी हुई रहती थी। चार साल बाद पहली बार पुलिस सीआरपीएफ की मदद से मिसिर बेसरा के बेस कैंप तक पहुंची.

जनवरी से चल रहा है सर्च ऑपरेशन

सुरक्षा बलों को देखते ही मिसिर बेसरा और उसके दस्ते में शामिल नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद सुरक्षा बलों की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई. मिसिर बेसरा को घेरने के लिए पुलिस ने गुरुवार से अभियान तेज कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, सेंट्रल कमेटी के नक्सली मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, असीम मंडल समेत अन्य बड़े नक्सलियों की कोल्हान जंगल में मौजूदगी की सूचना पर पुलिस 11 जनवरी 2023 से विशेष अभियान चला रही है. पुलिस को अब तक सबसे ज्यादा नुकसान नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी से हुआ है. बावजूद इसके पुलिस ने नक्सलियों की धर-पकड़ कर उनके मुख्यालय को ध्वस्त कर दिया है


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