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देवघर : संताल परगना चेंबर ऑफ कॉमर्स ने एसीएमओ और फूड इंस्पेक्टर के साथ की बैठक

फूड सेफ्टी के मामलों में व्यापारियों से विभाग के अधिकारियों द्वारा भयादोहन करने की लगातार
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देवघर : संताल परगना चेंबर ऑफ कॉमर्स ने एसीएमओ और फूड इंस्पेक्टर के साथ की बैठक

देवघर : फूड सेफ्टी के मामलों में व्यापारियों से विभाग के अधिकारियों द्वारा भयादोहन करने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद संताल परगना चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, देवघर ने आज एसीएमओ डॉक्टर सी. के. शाही तथा देवघर के फूड इंस्पेक्टर संजय कुमार के साथ बैठक कर व्यापारियों की शिकायत से उन्हें अवगत कराया। बैठक में चेंबर ने उन्हें बताया कि शहर के स्थापित और सम्मानित दुकानों तथा प्रतिष्ठानों में एफएसएसआई प्रावधानों के नाम पर गैर जरूरी जांच और त्रुटियों के नाम पर व्यापारियों को अनावश्यक परेशानी ना हो इसका ध्यान रखा जाए। डिस्ट्रीब्यूटर, स्टॉकिस्ट और किराना दुकानों में बिक रहे खाद्य सामानों की जांच के नाम पर उन पर अनावश्यक दबाव न बनाएं। इन दुकानों में बेची जा रही सामानों के वे निर्माता नहीं हैं, अतः किसी सामग्री में कोई आपत्ति मिले तो उत्पादकों को नोटिस करें। एफएसएसआई लाइसेंस की जांच करें और छोटी-मोटी त्रुटियों को दूर करने की हिदायत दें।

चेंबर ने अधिकारियों को बताया कि फूड सेफ्टी एक्ट की आड़ में दुकानों और प्रतिष्ठानों में भयादोहन का आलम यह है कि अधिकारियों को देख लोग दुकानें बंद करने लगते हैं। यह स्थिति कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता। इसका साफ मतलब है व्यापारियों को अनावश्यक प्रताड़ित करने की कोशिश की जाती है। श्रावणी मेला में मिलावटी खाद्य पदार्थ और सामग्रियों की जांच करना और उस पर कार्रवाई करना सही कदम है, लेकिन इसकी आड़ में व्यापारियों की प्रताड़ना सही नहीं ठहराया जा सकता।

एसीएमओ डॉक्टर शाही ने बताया कि कई बातें मेरी जानकारी में नहीं थी, चेंबर की चिंताओं को संज्ञान में लेकर इन स्थितियों से बचने की हिदायत फूड सेफ्टी अधिकारियों को दिया जाएगा। मिलावटी सामानों, एक्सपायरी उत्पादों और स्वच्छता पर व्यापारी भी एहतियात बरतें। सभी खाद्य पदार्थों के व्यवसायी एफएसएसआई लाइसेंस लेकर ही व्यवसाय करें। फूड इंस्पेक्टर संजय कुमार से चेंबर के लोगों ने कहा कि बाजार में व्यवसायियों से अनावश्यक डिमांड न हो, इसका पूरा ख्याल रखें। जब भी सैंपलिंग जांच के लिए उठाएं तो उसे कम से कम दो सेट में सील करें और एक सेट संबंधित व्यवसायी को दें। जल्दी नष्ट होने वाले सामानों की तत्काल अपने व्हीकल लैब में जांच कर कारवाई करें। सैंपलिंग उन्हीं सामानों का हो जिसकी एक्सपायरी कम से कम दो-तीन माह बाद की हो ताकि बाहर से टेस्ट होकर आने का पर्याप्त समय मिले। इन सबमें व्यापारी अगर जानबूझकर एक्ट का उल्लंघन और गलतियां करे तो ऐसे मामलों के निराकरण में चेंबर आपलोगाें को सहयोग करने को तैयार है। चेंबर के अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने दोनों अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि आगे से ऐसी कोई कारवाई से बचा जाएगा जिससे व्यापारियों की प्रताड़ना और अनावश्यक आर्थिक दोहन होता हो।

बैठक के बाद चेंबर के अधिकारियों ने नव पदस्थापित सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया तथा अपेक्षा जताया कि देवघर में स्वास्थ्य व्यवस्था और भी सुचारू ढंग से संचालित होगी।

आज की बैठक में संप चेंबर के अध्यक्ष आलोक मल्लिक, महासचिव प्रमोद छावछरिया, उपाध्यक्ष उमेश राजपाल, कार्यकारिणी सदस्य अजय कुमार और राम बाबू उपस्थित थे।


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