बता दें कि याचिका में दुमका, डोरंडा, चाईबासा और देवघर मामले में दी गई जमानत को चुनौती दी गई है. दरअसल झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को बीमारी के चलते जमानत दे दी थी. सीबीआई ने इसका विरोध किया है. सीबीआई ने कोर्ट से कहा है कि लालू यादव की जमानत रद्द की जानी चाहिए. सीबीआई ने कहा है कि झारखंड हाई कोर्ट के जमानत आदेश का आधार गलत है. लालू यादव ने अपनी सजा के मुताबिक जेल में समय नहीं बिताया है. बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने कहा था कि लालू यादव आधी सजा काट चुके हैं. इसलिए 30 अप्रैल 2022 को उन्हें जमानत दे दी गई। लालू यादव करीब तीन साल तक रांची जेल में रहे।
लालू यादव फिलहाल जमानत पर बाहर हैं
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए कहा था कि लालू यादव आधी सजा काट चुके हैं. इसलिए उनकी रिहाई की राह आसान हो गई. 9 अक्टूबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू यादव को जमानत दे दी। 24 मार्च 2018 को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें दुमका मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाते हुए 60 लाख और 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. 74 वर्षीय लालू यादव चारा घोटाले के विभिन्न मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद खराब स्वास्थ्य के कारण फिलहाल जमानत पर हैं।