मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन के दो दशक से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन कभी नियुक्ति नियमावली नहीं बन सकी। इस वजह से पहले जो भी नियुक्तियां हुई, वह विवादों के घेरे में आती रही। मामला न्यायालयों में पहुंचा। इस वजह से नियुक्तियों में तो विलंब हुआ ही, साथ ही भ्रष्टाचार की बातें लगातार सामने आई सरकार ने पहली बार नियुक्ति नियमावली बनाकर विभिन्न विभागों में खाली पदों पर नियुक्तियां कर रही है।
जेपीएससी का रिजल्ट रिकॉर्ड समय में जारी हुआ। इसमें 32 ऐसे अधिकारी बने, जो बीपीएल श्रेणी से आते हैं। यह इस बात का गवाह है कि जेपीएससी की परीक्षा में पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता बरती गई और कहीं कोई विवाद पैदा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों में तो नियुक्तियों का दौर चल ही रहा है। डॉक्टर, इंजीनियर, पशु चिकित्सक आयुष चिकित्सक, कृषि पदाधिकारी खेल पदाधिकारी, पंचायत सचिव, नर्स और लिपिकों आदि के पदों पर नियुक्ति हो चुकी है। वहीं, रोजगार मेला लगाकर निजी संस्थानों और कंपनियों में भी लगभग 34 हजार नौजवानों को ऑफर लेटर मिल चुका है।
सरकार का प्रयास है कि यहां के नौजवानों को अपने पैरों पर खड़ा कर सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं के अनुरूप पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। राज्य की जनता को विकास की कड़ियों से जोड़ा जा रहा है। गरीब, वंचित, दलित, महिला, युवा, किसान, मजदूर समेत हर वर्ग और तबके के लोगों के आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जो देश के लिए मिसाल बन गए हैं। यहां के आदिवासी, दलितों, पिछड़े और अल्पसंख्यकों को विदेश में पढ़ाई के लिए शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रहे हैं। यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के माध्यम से सभी बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को पेंशन दे रहे हैं। ऐसे और भी कई निर्णय हैं, जो यहां के लोगों को सशक्त और आगे बढ़ाने का काम कर रही है।