पलामू : झारखंड राज्य के पलामू जिले के नौडीहा प्रखण्ड अंतर्गत एक ऐसा पंचायत जिसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता था पंचायत डगरा
पलामू : पलामू जिले के नौडीहा प्रखण्ड अंर्तगत सुदूर इलाका नक्सल से प्राभावित डगरा पंचायत के ग्रामीणों के सहयोग से 2017 में डबरा वापी का स्थापित किया गया था जिसमें यहां का ग्रामीणों को बहुत ही राहत एवं सुविधा मिल रहा है था। जो की 2017 के पहले यहां के ग्रामीणों को भाकपा मवादी के द्वारा क्रस्त होकर ग्रामीणों ने यह ओपी का स्थापित सरकार के द्वारा कराया गया था।जिससे प्रशासन के द्वारा ग्रामीणों को बहुत सारा लाभ सुविधाएं बीमारी से मुक्त एवम् शिक्षा का व्यवस्था किया गया था।और यह की प्रशासन सीआरपीएफ के बटालियन के यह से जाने से यहां के ग्रामीणों ने आत्महत्या करने पर मजबूर है।और डगरा पंचायत में ओपी स्थापति होने से यहां का क्षेत्र का विकाश बहुत ही तेजी से बढ़ रहा था। जिसे ग्रामीणों को बहुत ही सुविधा और शिक्षा प्राप्त हो रहा था।और नौडीहा प्रखण्ड के डगरा पंचायत एक ऐसा पंचायत है जो की अभी भी यह क्षेत्र नक्सल मुक्त नहीं है। यहां तक की डगरा ओपी बिहार झारखंड सीमावर्ती क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।और अभी भी भाकपा मवादि का शिलशिला जारी है।और यह पर बहुत ही भाकपा मवादियो द्वारा ग्रामीण जनताओ को ओपी से पहले क्रास्त किया जाता था।लेकिन अभी यह का ग्रामिण जनता बहुत ही सुरक्षा में है।लेकिन यहां के ओपी के संचालन एवम सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के बटालियन की अति आवश्यकता है। क्योंकि अभी भी नौडीहा प्रखण्ड के डगरा पंचायत के जनता मवादी के निशाने पर है।और किसी भी समय किसी के साथ मवादी द्वारा घटना घट सकता है।इसलिए यहां के सभी डगरा पंचायत के ग्रामीण जनता झारखंड सरकार से गुहार अपील लगाते हुए। इस ओपी ना हटाने की मांग करती है।
बताते चले की पलामू जिले के नौडीहा प्रखण्ड से जुड़े डगरा पंचायत को पहली स्थान पर नक्सली का गढ़ माना गया हैं।
लेकिन इस पंचायत में सीआरपीएफ कैंप स्थापति होने से नक्सल द्रुसत हो गया था।लेकिन अगर सीआरपीएफ जवानों के जाने से हमारा इलाका और भी भाकपा मवादी के जर्जर में पड़ जायेगा।मौके पर उपस्थित ग्रामीण जनता सैंकड़ों में रहे।