पलामू : राज्य में खतरनाक स्थिति में बढ़ते लम्पी वायरस से पशुधन के भारी संख्या में नुकसान के बावजूद भी पशुपालन विभाग व राज्य सरकार की उदासीनता निंदनीय:- झारखण्ड क्रांति मंच
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड क्रांति मंच के नेताओं ने कहा है कि कहने को तो राज्य सरकार ने प्रखण्ड स्तर पर पशु चिकित्सकों की तैनाती व औषधालयों की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई ठीक इसके उलट है। सरकारी व्यवस्था से पूरी तरह निराश होकर जब पशुपालक किसान रोते-तड़पते पशुओं के इलाज के लिए झोलाछाप ग्रामीण पशु चिकित्सकों के पास पहुंचते हैं तो दोनों हाथों से उनकी लूट शुरू हो जाती है।एक-एक इंजेक्शन के मनमाने दाम 1000₹-2500₹ तक वसूले जाते हैं। दवाईयों के अनाप-शनाप दाम अलग से वसूले जाते हैं।प्रेस वार्ता के अंत में जेकेएम नेताओं ने कहा है कि पहले सरकार के द्वारा खोरहा आदि अन्य वायरसजनित बिमारियों के रोकथाम के लिए पशुओं के बीच टीकाकरण अभियान चलाया जाता था, लेकिन अब पशुपालन विभाग को विभिन्न तरह के घोटाले को अंजाम देने में फूर्सत कहां मिलता है? उन्होंने राज्य के माननीय मुख्यमंत्री व पशुपालन मंत्री से राज्य में लम्बे समय से फ़ैल रहे लम्पी वायरस से पशुओं की मौत को रोकने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ सार्थक कदम उठाने की मांग किया है।इस दिशा में पंचायत व प्रखण्ड स्तर पर प्रभावित पशुओं के लिए एम्बुलेंस के साथ प्रभावी दवाओं व योग्य चिकित्सकों की युद्धस्तर पर व्यवस्था कर पशुधन पर आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की मांग किया है।वार्ता के अंत में जेकेएम नेताओं ने हेमन्त सरकार से लम्पी वायरस से निपटने के लिए अबतक किए गए प्रयासों को सार्वजनिक करने की भी मांग किया है।