ऐप पर पढ़ें

पलामू : राज्य में खतरनाक स्थिति में बढ़ते लम्पी वायरस से पशुधन के भारी संख्या में नुकसान के बावजूद भी पशुपालन विभाग व राज्य सरकार की उदासीनता निंदनीय :- झारखण्ड क्रांति मंच

झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु,वरीय केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह मजदूर नेता...
WhatsApp Group Join Now
पलामू : राज्य में खतरनाक स्थिति में बढ़ते लम्पी वायरस से पशुधन के भारी संख्या में नुकसान के बावजूद  भी पशुपालन विभाग व राज्य सरकार की उदासीनता निंदनीय :- झारखण्ड क्रांति मंच
पलामू : राज्य में खतरनाक स्थिति में बढ़ते लम्पी वायरस से पशुधन के भारी संख्या में नुकसान के बावजूद भी पशुपालन विभाग व राज्य सरकार की उदासीनता निंदनीय:- झारखण्ड क्रांति मंच
पलामू (मेदिनीनगर) : झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु,वरीय केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह मजदूर नेता गिरिजा प्रसाद विश्वकर्मा,मंच के उपाध्यक्ष सह पंडवा कोल क्षेत्र के प्रभारी सुधीर कुमार व मंच के केन्द्रीय सदस्य कृष्णा बैठा ने आज कचहरी प्रांगण में मंच के जिलाध्यक्ष विजय राम के सीट पर संयुक्त प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा है कि राज्य व पलामू जिले में खतरनाक स्थिति में बढ़ रहे लम्पी वायरस से दुधारू व कृषि कार्यों में संलग्न पशुधन के भारी संख्या में नुकसान के बावजूद भी पशुपालन विभाग व राज्य सरकार की घोर उदासीनता की वजह से पशुपालकों व किसानों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो रही है,जो चिंतनीय है। प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि जब भी कोई किसान लम्पी वायरस से पीड़ित पशुओं की समस्याओं को लेकर जिला पशुपालन विभाग के कार्यालय में जाता है तो वहां चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों द्वारा पैसे लेकर थोड़ी मात्रा में पोटाश व तुतिया देकर किसानों को प्रभावित पशु को पोटाश से धोकर तुतिया लगाने की सलाह देकर वापस भेज दिया जा रहा है,यह विभाग की अव्वल दर्जे की लापरवाही व उदासीनता है,जो पशुपालक किसानों के प्रति सरकार की दूर्भावना को दर्शाता है।

प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड क्रांति मंच के नेताओं ने कहा है कि कहने को तो राज्य सरकार ने प्रखण्ड स्तर पर पशु चिकित्सकों की तैनाती व औषधालयों की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई ठीक इसके उलट है। सरकारी व्यवस्था से पूरी तरह निराश होकर जब पशुपालक किसान रोते-तड़पते पशुओं के इलाज के लिए झोलाछाप ग्रामीण पशु चिकित्सकों के पास पहुंचते हैं तो दोनों हाथों से उनकी लूट शुरू हो जाती है।एक-एक इंजेक्शन के मनमाने दाम 1000₹-2500₹ तक वसूले जाते हैं। दवाईयों के अनाप-शनाप दाम अलग से वसूले जाते हैं।प्रेस वार्ता के अंत में जेकेएम नेताओं ने कहा है कि पहले सरकार के द्वारा खोरहा आदि अन्य वायरसजनित बिमारियों के रोकथाम के लिए पशुओं के बीच टीकाकरण अभियान चलाया जाता था, लेकिन अब पशुपालन विभाग को विभिन्न तरह के घोटाले को अंजाम देने में फूर्सत कहां मिलता है? उन्होंने राज्य के माननीय मुख्यमंत्री व पशुपालन मंत्री से राज्य में लम्बे समय से फ़ैल रहे लम्पी वायरस से पशुओं की मौत को रोकने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ सार्थक कदम उठाने की मांग किया है।इस दिशा में पंचायत व प्रखण्ड स्तर पर प्रभावित पशुओं के लिए एम्बुलेंस के साथ प्रभावी दवाओं व योग्य चिकित्सकों की युद्धस्तर पर व्यवस्था कर पशुधन पर आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की मांग किया है।वार्ता के अंत में जेकेएम नेताओं ने हेमन्त सरकार से लम्पी वायरस से निपटने के लिए अबतक किए गए प्रयासों को सार्वजनिक करने की भी मांग किया है।


हमारे Whats App न्यूज ग्रुप से जुड़ें, आप हमें Facebook, Twitter, और Instagram पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

Post a Comment