कार्यक्रम के दौरान बच्चियों ने अपनी बात रखी बाल मित्र ग्राम रंगमटिया की नीलम कुमारी ने अपने वक्तव्य में बाल विवाह और बाल मजदूरी के प्रति किए गए कार्य और इससे जीवन में होने वाले नुकसान के बारे में सभी के सामने बात रखी। बाल पंचायत के माध्यम से बच्चों जो नेतृत्व क्षमता का वर्धन हुआ है इसका ही परिणाम है कि आज हम सभी बच्चियां जिला समाहरणालय में उपस्थित हैं। दूसरों की शादी रुकवाने में भले ही थोड़ी परेशानी होती है लेकिन उतनी समस्या अपनी होती, जबकि खुद की शादी के खिलाफ आवाज उठाना आसान नहीं होता है, गहरी मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है, लेकिन इसके लिए हम सभी ने बाल पंचायत से ही सशक्तता पाए हैं। हम सभी अपनी शिक्षा को जारी रखे हुए हैं साथ ही दर्जनों बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का कार्य किया है।
प्रशिक्षु IAS दीपेश कुमारी ने सभी बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी नए समाज के वो आयाम हो जो आने वाले समय में सभी के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे। आज भी बच्चियों की उच्च शिक्षा के प्रति कमोबेश स्थिति है कि बच्चियां ज्यादा न पढ़े। लेकिन अब बदलाव हो रही है। अब अभिभावकों को भी रहसस होना शुरू हो गया है कि बच्चियों की पढ़ाई बहुत जरूरी है। समाज कल्याण विभाग की यह पहल बच्चियों का मनोबल बढ़ाएगी जिन्होंने परिवार की इच्छा के खिलाफ जाकर पढ़ाई को अहमियत देते हुए अपना भविष्य बेहतर बनाने में जुटी है।
यशोदा कुमारी जो बाल मित्र ग्राम तिलकडीह की रहने वाली है जिसने अपनी शिक्षा के लिए उम्मीद भी छोड़ चुकी थी लेकिन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के सहयोग से 14 वर्ष की उम्र में पहली बार विद्यालय में नामांकन कराई है, उसने पिता के शराबी होने और आर्थिक विपन्नता के कारण आए परेशानियों की भी रखा। यशोदा ने कहा कि वो अपनी पढ़ाई जारी रखेगी और पढ़कर शिक्षिका बनेगी।
इसी प्रकार उपस्थित सभी बच्चों ने अपनी बातों को रखा।
कार्यक्रम के दौरान अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा, कल्याण अधिकारी जयप्रकाश मेहरा, डीपीआरओ रश्मि सिन्हा, नीति आयोग से अंजली बिन सिकदर सहित अन्य उपस्थित रहे।सभी बच्चे सम्मानित होकर बहुत ही गर्व महसूस कर रही हैं। हमारा प्रयास है सभी बच्चे अपना और अपने क्षेत्र का नाम रौशन करें यही कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन का लक्ष्य है।