इको सेंसेटिव जोन घोषित होने से बेरोजगारी बढ़ा है और युवा पलायन को है मजबूर : उमाशंकर अकेला
हजारीबाग :
निवेदन समिति के सभापति सह बरही विधायक उमाशंकर अकेला ने मंगलवार को शून्यकाल प्रश्न के तहत हजारीबाग ज़िले में लागू ईको सेंसेटिव जोन का मामला सदन में उठाया। ईको सेंसिटिव जोन घोषित हो जाने की वजह से स्थानीय निवासियों को कई व्यवसाय बंद करना पड़ा हैं, जिसके कारण लोगों के सामने घोर बेरोजगारी का संकट उत्पन्न हो गया है। माननीय विधायक ने सदन में कहा कि हजारीबाग वन्य जीव अभ्यारण के चारों ओर घोषित इको सेंसेटिव जोन की सीमा को पांच से घटाकर एक किलोमीटर तक सीमित किया जाये। विधायक श्री अकेला ने बताया कि इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र घोषित होने से इचाक, पदमा, बरही सहित आस-पास के इलाकों में काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। छोटे मोटे उद्योग धंधा चलाने वालों को बेरोजगारी के कारण पलायन करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग इसे लेकर चिंतित है। उन्होंने आग्रह किया कि इसे घटाकर तत्काल एक किलोमीटर किया जाए। विधायक श्री अकेला ने कहा कि उक्त क्षेत्र की भौगोलिक संरचना पहाड़ी पठारी होने के कारण लोगों के जीवन यापन का मुख्य स्रोत क्रेसर, खनन, उद्योग लघु तथा कुटीर उद्योग पर आधारित है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि उद्योगों को बंद कर दिए जाने से हजारों मजदूर एवं नौजवान बेरोजगार हो गए हैं। जिसके कारण उनका पूरा परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। वहीं उन्होंने कहा कि इसलिए इको सेंसेटिव जोन में बदलाव करने की आवश्यकता ता है। है।