चौपारण। गरीबी और बेबसी के सहारे अपने तीन छोटे बच्चों का जीवन पाल रही बुल्लू देवी गुरुवार को जिंदगी की जंग हार गईं। बेला पंचायत के रूपिन निवासी बुल्लू देवी का पति लेखवा भुइयाँ कुछ वर्ष पूर्व ही चल बसे थे। पति के निधन के बाद वह अपने तीन बच्चों के साथ चौपारण चट्टी जीटी रोड किनारे रखे गए नवनिर्मित ओवर ब्रिज के लिए रखे गए बॉक्स गडर में आश्रय लेकर रह रही थीं। जीवनयापन के लिए वह कबाड़ चुनकर बच्चों का पेट पालती थीं। लेकिन कुछ दिन पूर्व अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और उचित इलाज के अभाव में उनकी मौत हो गई। मृतका के पीछे तीन मासूम बेटे सोनू (10 वर्ष), कटरी (5 वर्ष) और लक्ष्मण (3 वर्ष) रह गए हैं। बड़ी बेटी की शादी इंगुनिया में हुई है। माँ की असामयिक मौत से परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है। मौके पर पूर्व मुखिया शौकत खान (भुट्टू खान), स्थानीय दशरथ कैशरी, मरहेडी के बिनोद भुइंया आदि समाजसेवियों ने आपदा मित्र एम्बुलेंस की मदद से शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजवाया। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि समय पर इलाज उपलब्ध हो जाता तो बुल्लू देवी की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने प्रशासन से इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
इसे भी पढ़ें: चौपारण : जीटी रोड पर ट्रेलर-ट्रक की भिड़ंत, चालक गंभीर रूप से घायल