
कोडरमा में बदलाव संकल्प सभा को संबोधित करेंगे संजय मेहता
झारखंड के स्थानीय मुद्दों नियोजन नीति, स्थानीयता, पुनर्वास नीति, विस्थापन नीति और जनसमस्याओं को लेकर झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति का आंदोलन लगातार जारी है। समिति के मुख्य वक्ता एवं सदस्य झारखंड के विभिन्न लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्र में जनसभा का आयोजन कर अपनी राय लोगों के समक्ष रख रहे हैं।
ज्ञात हो कि 16 जुलाई को हज़ारीबाग के गांधी मैदान में बदलाव संकल्प महासभा का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में जनसैलाब दिखा। उसके बाद गिरिडीह के डुमरी और धनबाद के झरिया में जनसभा किया गया। जहाँ लोगों का जनसैलाब उमड़ा।
अब यह जनसैलाब कोडरमा में भी दिखेगा। समिति द्वारा आगामी 3 अगस्त को कोडरमा में बदलाव संकल्प महासभा का आयोजन किया जा रहा है। सभा गुरुवार को झुमरी तिलैया स्थित ब्लॉक मैदान में सुबह 10 बजे से शुरू होगी।
इस आयोजन को लेकर समिति की तैयारियां जोरों से चल रही है। महासभा को लेकर कोडरमा क्षेत्र की आम-अवाम काफी उत्साहित हैं।
जयराम महतो और संजय मेहता होंगे मुख्य वक्ता
सभा में मुख्य तौर पर स्थानीय हक अधिकारों पर जयराम महतो एवं बरही विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सह सोशल एक्टिविस्ट संजय मेहता सहित झारखंड के अन्य वक्ता अपनी राय रखेंगे। महासभा में कोडरमा सहित चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और गिरिडीह जिले के लोग शामिल होंगे। विशेषकर कोडरमा लोकसभा क्षेत्र एवं अंतर्गत विभिन्न विधानसभा क्षेत्र के छात्र - नौजवान, बड़े - बुजुर्ग शामिल होंगे।महासभा के मुख्य मुद्दे
इस सभा का मुख्य मुद्दा स्थानीय एवं नियोजन नीति होगा। साथ ही झारखंड समेत हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं पर भी वक्ता अपनी राय रखेंगे।निजी क्षेत्र के उद्योगों में स्थानीय को 75 प्रतिशत नौकरी, बड़कागांव के गोंदलपुरा आंदोलन को समर्थन, पकरी - बरवाडीह परियोजना में अब तक कई रैयतों को मुआवजा नहीं मिल पाना, बरही में जियाडा भूमि पर स्थापित उद्योगों से हो रहे प्रदूषण, रामगढ़ के बूढाखाप में चल रहे आंदोलन, जमीनों की लूट, छात्रों को अब तक छात्रवृति नहीं मिल पाना, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण, हजारीबाग से लंबी दूरी की ट्रेनों की माँग, एनएच चौड़ीकरण में कई प्रभावित रैयतों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाना आदि माँगों एवं समस्याओं को लेकर वक्ता अपने - अपने विचार रखेंगे।
महासभा को लेकर क्या कहते हैं संजय मेहता
बरही विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी संजय मेहता ने कहा कि झारखंड 23 सालों बाद भी नीतिगत मसलों के दोराहे पर खड़ा है। यहाँ की स्थानीय नीति स्पष्ट नहीं होने के कारण नियोजन नीति का भी बिंदु फँस जा रहा है। छात्र नौजवानों में निराशा है। साथ ही निजी क्षेत्र के उद्योगों में स्थानीय को 75 प्रतिशत नौकरी की बात कही गयी है। इसके लिए विधेयक भी लाया गया। इसके बावजूद इसका पालन नहीं हो रहा। कई परियोजनाओं के नाम पर गरीब - किसानों का भूमि अधिग्रहित कर लिया गया लेकिन उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिला। कंपनियों के आने से प्रदूषण चरम पर है। पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है।ऐसे में झारखंड के सभी लोकसभा और विधानसभा सीट पर पर स्थानीय और ईमानदार लोगों की जरूरत है। जो जनता के मुद्दों के साथ खड़े रहें न कि कम्पनियों से सांठ - गाँठ कर ले।
संजय ने कहा कि हम लगातार आंदोलन कर रहे हैं जहाँ भारी संख्या में छात्र - नौजवानों, महिलाओं एवं बड़े बुजुर्गों का साथ मिल रहा है। झारखंड का हर वर्ग परिवर्तन को लेकर संकल्पित है। कोडरमा के सभा में क्षेत्र के लोगों से उपस्थित होने की अपील करता हूँ।