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हज़ारीबाग़: स्कूल आने के लिए पार करनी पड़ती है नदी, बच्चे नहीं दर्ज करा पा रहे उपस्थिति

जिले के चुरचू प्रखंड अंतर्गत चुरचू पंचायत के लारा गांव में संचालित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय लारा
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हज़ारीबाग़: स्कूल आने के लिए पार करनी पड़ती है नदी, बच्चे नहीं दर्ज करा पा रहे उपस्थिति

नदी में पुल नहीं होने के कारण बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचते हैं

हज़ारीबाग़: जिले के चुरचू प्रखंड अंतर्गत चुरचू पंचायत के लारा गांव में संचालित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय लारा में पंचायत क्षेत्र के बाली टोले से करीब दो दर्जन छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. गौरतलब है कि बाली से लारा विद्यालय आने के लिए छात्रों को लारा नदी पार करनी पड़ती है। उक्त नदी पर पुल नहीं रहने के कारण छात्र-छात्राओं को पानी में घुसकर नदी पार कर स्कूल आना पड़ता है. क्षेत्र में भारी बारिश के बाद उक्त विद्यार्थियों का स्कूल आना मुश्किल हो जाता है. इस संबंध में पूछे जाने पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बताया कि जब तक घुटनों तक पानी रहता है, हम विद्यालय आते हैं. इससे अधिक बारिश होने पर, पानी अधिक होने पर कभी-कभी माता-पिता उन्हें नदी पार करवा देते हैं।

बच्चों ने बताया कि भारी बारिश के बाद जब जलस्तर बढ़ जाता है तो हमारा स्कूल से संपर्क टूट जाता है. परिणामस्वरूप हम विद्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाते हैं। जिससे नियमित पठन-पाठन प्रभावित होता है। वहीं बाली के ग्रामीण साहबराम टुडू ने बताया कि नदी पर पुल नहीं होने से स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ आम लोगों को भी आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं आपात स्थिति में अगर किसी को इलाज के लिए बाली गांव से चुरचू या फिर हजारीबाग ले जाना पड़ता है. ऐसे में पुल के अभाव में वे लंबी दूरी तय कर दूसरे रास्ते से प्रखंड मुख्यालय या जिला मुख्यालय जा सकते हैं.

जल्द ही मामले का मूल्यांकन किया जायेगा

उपायुक्त नैंसी सहाय ने कहा कि नदी में पुल नहीं होने के कारण बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी होने की जानकारी मिली है. इस मामले का तुरंत मूल्यांकन किया जाएगा. इसके बाद जरूरत के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा।


क्राफ्ट समाचार इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर क्राफ्ट समाचार की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।

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