
तिसरी : खबर प्रकाशित होने के बाद दिखा खबर का असर
गिरिडीह ( तिसरी) : तिसरी वन प्रक्षेत्र खटपोंक पंचायत के चंदवापहरी टोला में वन विभाग की टीम द्वारा छह माह से निर्माण किए जा रहे जलमीनार को ध्वस्त कर दिया गया था इसके साथ ही जलमिनार में प्रयुक्त पानी टंकी, सोलर सहित कई उपकरण जब्त कर लिए गए थे वन विभाग द्वारा की गई इस कार्यवाही का ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध किया था जिसका खबर प्रमुखता से में दिखाया गया था जिसे संज्ञाय में लेते हुए जिला पीएचडी विभाग एसडीओ शीवासीस दास निरक्षण के लिए चंदवापहरी गांव पहुंचे और वहां के ग्रामीणों से जानकारी लिए जिसमें ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि 50 वर्षो से हमलोग यहां घर बना कर रह रहे हैं किसी प्रकार का दिक्कत नहीं हुआ हैं इतना ही नहीं हमलोग को सरकार के द्वारा पीएम आवास भी मिला जो बनाके रह भी रहे है लेकिन जब जल नल योजना को उखाड़ कर ले जाना ए आदिवासी समुदाय लोगों पर वन विभाग ने नाइंसाफी का काम किए। वही एसडीओ शिवासीस दास ने कहा यदि वन विभाग को करवाई ही करनी थी तो पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था लेकिन वन विभाग जो गुप्त अनुसार से करवाई किया गया है ये गलत करवाई किया गया है जिसमें इस बात को लेकर उच्च विभाग आधिकारी को रिपोर्ट सौंपा जाएगा ।
इधर जब दूरभाष के माध्यम से पूरे मामले की जानकारी वन पाल अभिमित राज से बात किए तो उन्होंने बताया कि ग्रामीण अवैध रूप से कब्जा कर घर को बनाए हुए हैं। इसे लेकर पूर्व में भी ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा संवेदक को एनओसी लेकर कार्य करने की चेतावनी दी गई थी, किंतु वे नहीं माने, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। लेकिन सबसे बड़ी बात यह चर्चा बन चुकी है कि एसडीओ द्वारा जब ग्रामीणों को पूछा की कुछ दिन पूर्व वन विभाग द्वारा आपलोग के ऊपर कैश हुआ हैं कि ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा किसी तरह के मामला में कोई भी कैश नही हुआ हैं यदि हुआ रहता तो हमलोग को कैश नंबर जरूर जानकारी मिलता ए फिलहाल वन विभाग के द्वारा प्राथमिक दर्ज किया गया है।