|
गिरिडीह : शराब घोटाला मामले में गिरिडीह में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई बुधवार की देर शाम खत्म हो गयी. भाजपा के पूर्व सदर विधायक निर्भय शाहाबादी के मकतपुर-डॉक्टर लाइन रोड स्थित आवास से ईडी की पांच सदस्यीय टीम निकली. इस दौरान टीम में एक महिला समेत पांच अधिकारी और सीआरपीएफ के जवान शामिल थे. लेकिन 9 घंटे की कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम को क्या मिला, इसका खुलासा करने से टीम में शामिल अधिकारियों ने इनकार कर दिया. क्योंकि ईडी की टीम की कार्रवाई सुबह सात बजे से शुरू हुई. जो शाम 6 बजे तक जारी रहा. इसके बाद ईडी अधिकारियों की टीम अपनी दो इनोभा गाड़ियों से निकल गयी. लेकिन जाते-जाते ईडी ने संकेत दिया कि बीजेपी के पूर्व सदर विधायक शाहाबादी के आवास पर ईडी की यह कार्रवाई शराब घोटाले से जुड़ी है. लेकिन घोटाला किस स्तर पर और कितने का हुआ, इसका खुलासा करने से ईडी टीम के अधिकारियों ने इनकार कर दिया. इससे संकेत मिलता है कि काफी सारे दस्तावेज जब्त किये गये हैं. जो बेहद महत्वपूर्ण है और अब जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
ईडी अधिकारियों की मानें तो नौ घंटे की छापेमारी के दौरान पूर्व विधायक शाहाबादी के साथ उनके बेटे वैभव शाहाबादी से भी आमने-सामने पूछताछ की गयी. पूर्व विधायक के बेटे का मोबाइल भी खंगाला गया. वहीं ईडी के अधिकारी पूछताछ के लिए पूर्व विधायक के भतीजे नीरज शाहाबादी की भी तलाश कर रहे थे. फिलहाल वह गिरिडीह से बाहर थे. इसलिए उनसे पूछताछ नहीं हो सकी. लेकिन ईडी विधायक के भतीजे नीरज शाहाबादी को पूछताछ के लिए बुला सकती है. वैसे शराब घोटाले के किंगपीन और जामताड़ा के पूर्व विधायक योगेन्द्र तिवारी के भतीजे नीरज शाहाबादी और बेटे वैभव शाहाबादी की संलिप्तता सामने आयी है. इस बात के संकेत ईडी के अधिकारी भी दे चुके हैं. क्योंकि पूर्व विधायक के आवास से जब्त किये गये तमाम दस्तावेज फिलहाल यही संकेत दे रहे हैं. वैसे, ईडी की टीम सुबह सात बजे पूर्व विधायक के आवास में सिर्फ एक मोटी फाइल लेकर दाखिल हुई और जब बाहर निकली तो पदाधिकारी के कंधे पर एक बैग था। जिसमें दस्तावेज मौजूद होने की बात कही जा रही है.