
देवघर : विश्व आदिवासी दिवस पर डीबीए सभागार में विचार गोष्ठी आयोजित
देवघर : विश्व आदिवासी दिवस पर बुधवार को जिला अधिवक्ता संघ सभागार में अध्यक्ष बालेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आदिवासियों के सर्वागीण विकास ,शिक्षा के प्रति जागरुकता फैलाने, जल जंगल व जमीन को बचाने एवं उनके पूर्वजों की उपलब्धियों को याद करने ,आदिवासियों के पलायन को रोकने आदि विषयों के लिए एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। डीबीए अध्यक्ष बालेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि भारत संस्कृति परंपराओं जाति और पंथ में विविधता वाला देश है आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने उनकी रक्षा करने उन्हें शिक्षित बनाने उनको जागरूक करने एवं उनके बेहतर योगदान की उपलब्धियां को स्वीकार करने के लिए हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। ।इसे वर्ल्ड ट्रेवल डे के नाम से भी जाना जाता है ।यह दुनिया भर में आदिवासी समुदाय के बुनियादी अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयास करने का एक आदर्श अवसर है ।महासचिव कृष्ण धन खवाडे़ उर्फ लाल बाबू का कहना है कि विश्व के आदिवासी लोगों का अंतरराष्ट्रीय दिवस पहली बार दिसंबर 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित किया गया था ।23 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा नै अपने प्रस्ताव संख्या 49/2014 में निर्णय लिया कि विश्व के आदिवासी लोगों का अंतरराष्ट्रीय दशक के दौरान हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जायेगा ।कोषाध्यक्ष विजय कौशिक ने कहा कि प्राकृतिक संपदा की रक्षा के लिए उन्हें संरक्षण तथा सुविधा उपलब्ध कराने की जरुरत है शिक्षा के बिना आदिवासियों का जीवन बेहतर नहीं बनाया जा सकता है उनके बेहतर जीवन के लिए उन्हें शिक्षित होना जरुरी है। मौके पर अध्यक्ष बालेश्वर प्रसाद सिंह ,महासचिव कृष्णधन खवाडे़, कोषाध्यक्ष विजय कौशिक ,अधिवक्ता एसएन पांडे ,अनिता चौधरी ,राजीव रंजन महतो ,एफ मरीक, एवं अन्य मंचासीन अधिवक्ताओं ने विश्व आदिवासी दिवस पर अपने विचार को प्रकट किया एवं वक्ता ने कहा कि जल जमीन और जंगल पर आदिवासियों का अधिकार होता था लेकिन जंगल के कट जाने से आदिवासियों का पलायन होते जा रहा है उनके ठहराव के लिए वृक्ष की कटाई रोकने एवं नये वृक्ष को लगाने की आवश्यकता है ।उनके जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार को इस विषय में गंभीरता पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है। मंच संचालन अधिवक्ता फाल्गुणी मरीक ने किया।