चौपारण(हजारीबाग) : जिले का सबसे बड़ा प्रखण्ड चौपारण है। यहां चौपारण थाना के प्रवेश का मुख्य द्वार पर लगे बड़े बोर्ड से लोगों के मन में कई सवाल उठने लगे हैं। लोगों को उक्त बोर्ड को देखकर यह समझने में मुश्किल हो रहा है कि थाने में अस्पताल है या फिर अस्पताल में थाना। चौपारण थाना के मुख्य द्वार पर यह बोर्ड लगे लगभग एक साल से एक निजी अस्पताल का स्टार प्रचारक बन खूब प्रचार किया जा रहा है।बोर्ड के आधे हिस्से में प्रमोद मेमोरियल इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एवं एक निजी अस्पताल वंदना नर्सिंग होम, शिवपुरी हजारीबाग लिखा हुआ,जिसमें सम्पर्क नम्बर के साथ स्पस्ट लिखा हुआ है यहां हर प्रकार के इलाज एवं आईवीएफ की सुविधा उपलब्ध है। वहीं बोर्ड के आधे हिस्से में चौपारण थाना लिखा हुआ है,जिससे शिकायत की अर्जी लेकर जाने वाले थाने पहुंच रहे पीड़ित भी कुछ समय के लिए कंफ्यूज हो जा रहे हैं कि कहीं थाना में अब अस्पताल तो नहीं खुल गया।
ज्ञात हो कि थाना एक सरकारी संस्थान है और लोगों व कानून के जानकारों की माने तो थाना कोई प्रचार एवं विज्ञापन की संस्था नहीं है। बल्कि एक संवेदनशील सरकारी संस्थान है। ऐसा कोई नियम भी नहीं है कि सरकारी कार्यालयों के मेन गेट या दीवारों के माध्यम से किसी निजी संस्थानों का प्रचार प्रसार किया जाए। पुलिस नियमावली या किसी सक्षम प्राधिकार की ओर से ऐसे आदेश का कोई उल्लेख भी प्राप्त नहीं होता है। इस प्रकार के विज्ञापन पुलिस थाने जैसे संवेदनशील सरकारी संस्थान की निष्पक्षता पर पूरी तरह से सवाल खड़ा करती है कि क्या थाने के पास वैसा कोई फण्ड नहीं होता है,जिससे वो जनहित के लिए थाना के गेट पर अपने थाना का भी एक बोर्ड भी लगा सके। न्याय के इस द्वार में किसी निजी संस्थान का प्रचार ऐसे कई सवालों को जन्म दे रहा है।