हजारीबाग (चौपारण) :
बसरिया में संचालित डॉ बंसत नारायण सिंह +2 उच्च विद्यालय में बच्चों ने मनाया शिक्षक दिवस। शिक्षक दिवस कार्यक्रम की शुरुआत सवर्प्रथम डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तस्वीर पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। बच्चों ने सभी शिक्षक को बुके देकर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते विद्यालय के प्राचार्य बशिस्ट मिश्रा ने कहा कि प्रचीन काल से ही गुरु और शिष्य का अटूट प्रेम और इसी प्रेम से देश विदेश में एक प्रचंड अनुशासन कायम है। श्री मिश्रा ने शिक्षक का शाब्दिक अर्थ बताते कहा कि शि - शिखर पर ले जाना वाल, क्ष - क्षमा करने वाले, क- कमजोरी को दूर करने वाले। वही विद्यालय लोकप्रिय शिक्षक जाबिर अंसारी ने कहा कि जिस तरह आप आज के कार्यक्रम को खास बनाया उसी तरह अच्छे ज्ञान प्राप्त करके अपने जीवन को खास बनाये, शिक्षा से इस कदर जुड़ जाइए की आपकी तकदीर बदल जाए। मोके पर सचिव रवि सोनी से कहा कि साल 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। तब राधाकृष्णन ने कहा कि ‘मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व होगा। उनकी इस इच्छा के बाद पहली बार साल 1962 में शिक्षक दिवस मनाया गया था। तबसे 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मानते आ रहे है। शिक्षक दिवस के अवसर पर बेलाही शिक्षक दयानंद ठाकुर के द्वारा विद्यालय को पोडियम ( भाषण मंच) भेट दिया गया। विद्यालय के बच्चों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए संस्कृति कार्यक्रम आयोजन भी किया जिसमें डांस , भाषण, संगीत अन्य कलाओं को प्रदर्शित किया। मोके पर शिक्षक अशोक रजक, अनिल रजक, संजीत प्रजापति, चाँद सर,संदीप सिंह, रंजन केशरी,चंदन राणा, सुरेश यादव शिक्षिका सीमा कुमारी अफीफ़ा प्रवीण +2 रामपुर शिक्षक दयानंद ठाकुर सहित विद्यालय के सभी विद्यार्थि उपस्थित थे।