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पीसीपीएनडीटी एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे हैं कई अल्ट्रासाउंड संस्थान

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पीसीपीएनडीटी एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे हैं कई अल्ट्रासाउंड संस्थान।
पीसीपीएनडीटी एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे हैं कई अल्ट्रासाउंड संस्थान

देवघर: रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में सरकारी अल्ट्रासाउंड मशीन आज भी धूल फांक रहा है लेकिन आज तक चालू नहीं हो सका है। इसके पता चलता है अल्ट्रासाउंड संचालन के नियम केवल सरकारी अस्पतालों में है। कई एक प्राइवेट सेंटर के लिए लगता कोई नियमावली है ही नहीं। कई एक प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर नियम को ताक में रखकर धड़ल्ले से सेंटर चला रहे हैं। खुलेआम पीसीपीएनडीटी एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे हैं, वहीं सरकारी नियम को मुंह चिढ़ा रहे हैं। कई एक ऐसे संस्थान है जिसका आज भी (नॉन डिग्री होल्डर) टेक्नीशियन के भरोसे अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहा है। अब सवाल उठता है, क्या विभाग को इसकी जानकारी नहीं है? या सुनियोजित तरीके से चल रहा है। यहां तक इस तरह के अल्ट्रासाउंड चलाने वाले कई संस्थानों के साथ सरकारी एमओयू भी है। अल्ट्रासाउंड सेंटर्स में जांच करने के लिए एक्सपीरिएंश्ड गाइनिकोलॉजिस्ट के साथ-साथ रेडियोलॉजिस्ट के पास एमडी डिग्री होना जरूरी है। वहीं, एमबीबीएस डॉक्टर्स के लिए सोनोग्राफी या इमेज स्कैनिंग की छह महीने की ट्रेनिंग जरूरी है। सभी संस्थान में सीसीटीवी कैमरा है, फिर भी नियम को ताक में रख कर ऐसा करने का साहस अगर मिल रहा है तो प्रश्न चिन्ह खड़ा होना लाज़मी है। जो बिना विभाग के इशारे पे नही हो सकता है। शहर में कई ऐसे संस्थान है, जो अहर्ताएं केवल कागज़ में खानापूर्ति के लिए है, वास्तव में विभाग को मुंह चिढ़ा रहे हैं।


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