बरही (हजारीबाग) :
देवचन्दा मोड़ स्थित श्रीदस इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा नवमी व दसवीं के बच्चों को मोटिवेशनल क्लास दी गई। राँची से आए मोटिवेशनल स्पीकर दीपक झा द्वारा बच्चों को उनकी कैरियर व परीक्षा को लेकर मोटिवेट किया गया। उन्होंने बच्चों को उनके लक्ष्य के प्रति प्रेरित करते हुए उनका मार्गदर्शन किया। आने वाले दिनों में वो अपने लक्ष्य को हासिल करने में किस प्रकार अभ्यासरत रहे इसकी सही जानकारी बच्चों को दी। मोटिवेशनल क्लास की उपयोगिता व आवश्यकता की जानकारी देते हुए विद्यालय प्राचार्य रोहित सिंह ने कहा कि प्रेरणा एक कला है। इसके द्वारा उन छात्र - छात्राओं के पढ़ने के प्रति रुचि उत्पन्न की जाती है। जिसमें इस प्रकार का अभाव है। जहां पर बालकों में पढ़ने की रुचि तो है परंतु उसका अनुभव नहीं करते। वहां प्रेरणा के द्वारा यह अनुभव कराया जाता है। इसके अतिरिक्त विशिष्ट चर्चाओं के प्रति भी छात्र - छात्राओं की रुचि उत्पन्न की जाती है। जिस प्रकार बालक के जीवन का एक लक्ष्य होता है उसी प्रकार विधालय का भी एक लक्ष्य होता है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में प्रेरणा की मुख्य भूमिका होती है। ये सब लक्ष्य प्राकृतिक प्रेरकों द्वारा प्राप्त होती है। सीखने का प्रमुख आधार प्रेरक ही है। चरित्र निर्माण शिक्षा का श्रेष्ठ गुण है। इससे नैतिकता का संचार होता है। अच्छे विचार एवं संस्कार जन्म लेते हैं और उनका निर्माण होता है। बालक को अधिक काम करने की उतेजना मिलती है। अच्छे संस्कार निर्माण में प्रेरणा का प्रमुख स्थान है। सफल अध्यापन के लिए यह आवश्यक है कि छात्रों का अवधान पाठ की ओर बना रहे। कक्षा में छात्र पाठ के प्रति कितना जागरूक है , यह प्रेरणा पर ही निर्भर करता है।