गौतम बुद्धा वन्य प्राणी आश्रयणी जंगल में लगी भीषण आग, वन संपदा को हुआ भारी नुकसान

गुरुवार को गौतम बुद्धा वन्य प्राणी आश्रयणी के दनुआ क्षेत्र में भीषण आग लग गई, जिससे जंगल की बहुमूल्य वन संपदा को भारी नुकसान...
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गौतम बुद्धा वन्य प्राणी आश्रयणी जंगल में लगी भीषण आग, वन संपदा को हुआ भारी नुकसान
चौपारण। गुरुवार को गौतम बुद्धा वन्य प्राणी आश्रयणी के दनुआ क्षेत्र में भीषण आग लग गई, जिससे जंगल की बहुमूल्य वन संपदा को भारी नुकसान पहुँचा। आग की लपटों ने जंगल के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे वन्य जीवों और पर्यावरण को भी गंभीर क्षति पहुँची।

महुआ चुनने की लापरवाही बनी आग का कारण

सूत्रों के अनुसार, गर्मी के मौसम में ग्रामीण महुआ चुनने के लिए जंगल में आग लगा देते हैं, जिससे अक्सर ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं। यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है, क्योंकि जंगलों में आग लगने से न केवल पेड़-पौधे जलकर नष्ट हो जाते हैं, बल्कि वहाँ रहने वाले वन्य जीवों के आवास भी समाप्त हो जाते हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ पारिस्थितिकी तंत्र को गहरा आघात पहुँचाती हैं और जैव विविधता के लिए खतरा बन जाती हैं।

वन कर्मियों की तत्परता से काबू पाई गई आग

आग की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई। वनरक्षी कुलदीप कुमार के नेतृत्व में वन कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। टीम ने समय रहते आवश्यक कदम उठाए, जिससे आग और अधिक फैलने से बच गई।

स्थानीय प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग

इस आगजनी से हुए नुकसान को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और वन विभाग से मांग की जा रही है कि जंगल में आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएँ, जिससे वे महुआ चुनने के लिए आग लगाने की इस खतरनाक प्रवृत्ति को बंद करें।

पर्यावरण को हो रहा भारी नुकसान

विशेषज्ञों के अनुसार, जंगल में लगने वाली आग से वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का भारी नुकसान होता है। इससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है, जिससे जलवायु परिवर्तन को भी बढ़ावा मिलता है। ऐसे में, सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इस घटना ने एक बार फिर पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीरता से सोचने और सतर्कता बरतने की जरूरत को उजागर किया है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में इसके और भी गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

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